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Om Thakur
गाजर खाना हमारे स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से लाभदायक होता है, इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व जैसे विटामिन A, C, K, फाइबर, पोटेशियम, आयरन, तांबा, मैंगनीज और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई खनिज व विटामिन्स पाए जाते है।
गाजर उगाने की सामग्री !
उत्तम किस्म के बीज
गमला या ग्रो बैग
आर्गेनिक खाद
पानी
मिट्टी
गमला या ग्रो बैग में मिट्टी लें
आप गाजर के बीज लगाने के लिए 15 x 15, 18 x 18 या 24 x 24 इंच या अपनी सुविधा के अनुसार गमले या ग्रो बैग को चुन सकते हैं। आप इसमें मिट्टी भरकर, नमी के लिए पानी का छिडकाव करें।
गाजर के बीज
गाजर को उगाने के लिए आप अच्छी क्वालिटी के गाजर के सीड लें, अब उन बीजों को ग्रो बैग में भरी मिट्टी के ऊपर फैलाकर 1 से 2 सेमी गेहराई तक मिट्टी से ढक दें, फिर इस मिट्टी में पानी का छिडकाव करें।
अंकुरण
गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में गाजर के बीज लगाने के बाद लगभग १४ से 21 दिन के अंदर बीज अंकुरित होने लगते हैं।
पानी की आवश्यकता
गाजर का पौधा बड़ा होने पर इसमें पानी कम मात्रा में दें, जिससे गाजर की जड़ें पानी प्राप्त करने के लिए नीचे की तरफ बढ़ें।
गाजर के पौधे के लिए खाद
गाजर के पौधे के विकास के लिए आप फास्फोरस एवं पोटेशियम युक्त खाद का उपयोग करें। जैविक खाद के रूप में आप पुरानी गोबर की खाद, बोनमील, मस्टर्ड केक और सब्जियों के छिल्को का उपयोग कर सकते हैं।
उचित धूप
गाजर को ग्रो करने के लिए फुल सनलाइट की जरूरत होती है, इसे कम से कम 3-4 घंटे की धूप मिलना चाहिए।
कीटों से सुरक्षा
गाजर के पोधे को हफ्ते में 2 से 3 बार चेक करें तथा कीटों और रोगों से सुरक्षित रखें। कीट ग्रस्त या बीमार पाए जाने पर पौधों पर नीम तेल का छिड़काव कर उचित उपचार करें।
हार्वेस्ट कब करें?
लगभग 2 से 3 महीने के बाद आप ताजी गाजर को हार्वेस्ट कर सकते हैं। गाजर से बनी सलाद का आप ब्रेकफास्ट, लंच एवं डिनर के साथ लुत्फ़ उठा सकते हैं। साथ ही गाजर के हलवा का स्वाद तो अविस्मर्णीय होता ही है।