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Om Thakur
लौकी एक लता या बेल के रूप में बढ़ता है, यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। साथ ही रसोई में इसकी कई जायकेदार डिश भी बनायीं जा सकती हैं।
लौकी की सबसे अच्छी बात यह है कि, ये बहुत ही आसानी से मिल जाती है और इसे अपने घर पर गमले या ग्रो बैग में आसानी से उगाया जा सकता है।
लौकी उगाने की सामग्री !
उत्तम किस्म के बीज
गमला या ग्रो बैग
आर्गेनिक खाद
पानी
मिट्टी
गमला या ग्रो बैग में मिट्टी लें
आप लौकी के बीज लगाने के लिए 15 x 15 इंच या अपनी सुविधा के अनुसार गमले या ग्रो बैग को चुन सकते हैं। आप लौकी के बीजों को रेतीली दोमट मिट्टी में लगा सकते हैं। आप इसमें मिट्टी भरकर, नमी के लिए पानी का छिडकाव करें।
लौकी के बीज
लौकी आप ग्रो बैग की मिट्टी में लगभग 0.5 से 1 इंच की गहराई पर बीजों को लगा सकते हैं। गमले में लगे हुए बीजों को मिट्टी से अच्छी तरह ढक दें।
अंकुरण
गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में लौकी के बीज लगाने के बाद लगभग 7 से 10 दिन के अंदर बीज अंकुरित होने लगते हैं।
पानी की आवश्यकता
लौकी के बीजों को ग्रो करने के लिए उचित मात्रा में पानी दें, बेल या लता को हफ्ते में 1 से 2 बार, जड़ों में एक इंच की गहराई तक पानी दें।
लौकी के पौधे के लिए खाद
लौकी की बेल के विकास के लिए आप नाइट्रोजन युक्त जैविक खाद का उपयोग करें। जैविक खाद के रूप में आप पुरानी गोबर की खाद, बोनमील, मस्टर्ड केक और सब्जियों के छिल्को का उपयोग कर सकते हैं।
उचित धूप
लौकी की बेल को रोजाना लगभग 6 से 8 घंटे की धूप मिलनी चाहिए। अतः लौकी को पूर्ण सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है।
कीटों से सुरक्षा
लौकी की बेल को हफ्ते में 2 से 3 बार चेक करें तथा कीटों और रोगों से सुरक्षित रखें। कीट ग्रस्त या बीमार पाए जाने पर पौधों पर नीम तेल का छिड़काव कर उचित उपचार करें।
हार्वेस्ट कब करें?
लगभग 55 से 70 दिन के बाद आप ताजी लौकी तोड़ सकते हैं। ताजी लौकी को आप जरूरत के अनुसार तोड़कर जायकेदार सब्जी का लुत्फ़ उठा सकते हैं।