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Om Thakur
काली मिर्च दुनिया का सबसे लोकप्रिय व महंगा मसाला है, इसका उपयोग रसोई में किये जाने के साथ-साथ आयुर्वेद चिकित्सा में भी किया जाता है। इसे पेपरकोर्न के नाम से भी जाना जाता है।
काली मिर्च का पौधा बेल या लता के रूप में बढ़ता है। इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे कि काली मिर्च को घर पर गमले में कैसे उगाया जा सकता है:
काली मिर्च उगाने की सामग्री !
उत्तम किस्म के बीज
गमला या ग्रो बैग
आर्गेनिक खाद
पानी
मिट्टी
गमला या ग्रो बैग में मिट्टी लें
आप काली मिर्च को 12 x 12, 15 x 15 इंच या अपनी सुविधा के अनुसार बड़े गमले या ग्रो बैग का चयन कर सकते हैं। इसके बाद गमले में उपयोगी मिट्टी भरकर, नमी के लिए पानी का छिडकाव करें।
काली मिर्च के पौधे तैयार करने के लिए आप सबसे पहले उत्तम क्वालिटी के बीज लें। इसके बाद तैयार की गई मिट्टी को सीडलिंग ट्रे या छोटे गमले में भर कर, 2 से 3 काली मिर्च के बीजों को 3 इंच की दूरी पर, 1/2 इंच की गहराई में बोएं।
अंकुरण
बीज लगाने के 30-40 दिन के अंदर आपको बीज उगते हुए दिखाई देने लगेगें। गमले को काली मिर्च के अंकुरण के समय ऐसी जगह पर रखें जहाँ उसे आंशिक धूप मिल सके।
वाटर कैन की मदद से मिट्टी को नम बनाने के लिए पानी का छिड़काव करें। जरूरत से ज्यादा पानी पौधों की जड़ों को सड़ा सकता है। इसलिए पौधों को उचित मात्रा में पानी दें।
आवश्यक खाद
आप खाद के रूप में गाय के गोबरकी खाद, चाय की खाद, किचिन वेस्ट कम्पोस्ट आदि का उपयोग कर सकते हैं। यदि मिट्टी में पर्याप्त न्यूट्रिशन्स हैं, तो पौधे अच्छी तरह ग्रो कर सकते हैं। पौधों के पूर्ण विकास के समय इसमें आप NPK (1:1:3) युक्त खाद का का उपयोग कर सकते हैं।
उचित धूप
काली मिर्च के विकास लिए तापमान 25°C से 30°C तक होना आवश्यक होता है। इसके पौधे ज्यादा से ज्यादा 40°C तथा कम से कम 10°C तक तापमान सह सकते हैं। काली मिर्च की बेहतर ग्रोथ के लिए रोजाना 5 से 6 घंटे की धूप आवश्यक होती है।
प्रमुख रोग
एन्थ्रेक्नोज रोग रोग पौधे की पत्तियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है, जिसके कारण पौधे की पत्तियों पर पीले-भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए 1% बोर्डो मिश्रण का छिड़काव पौधे पर करना चाहिए।
फाइटोफ्थोरा रोग का प्रभाव पौधे के शुरुआती टाइम में ही देखने को मिलता है। इस रोग के लगने से पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं एवं पत्तियों और तने पर काले रंग के धब्बे बनने शुरू हो जाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए शुरुआत में ही पौधे पर बोर्डो मिश्रण का छिड़काव करें।
ध्यान देने योग्य बातें!
हफ्ते में 2-3 बार पौधों को चेक करें।
अगर आपको लगता है कि आपके पौधे की ग्रोथ रूक गई है तो आप इसमें उचित मात्रा में खाद दें।
काली मिर्च के पौधे में रोग पाए जाने पर उचित उपचार करें।
काली मिर्च के पौधे को रोजाना 5-6 घंटे की धूप मिलती रहे।
काली मिर्च को ग्रो करने के लिए ज्यादा पानी की जरुरत नहीं होती है, इसलिए ओवर वाटरिंग से बचें।
आप बुआई के 6 से 8 महीने बाद काली मिर्च हार्वेस्ट कर सकते हैं।