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Om Thakur

औषधीय गुणों से भरपूर अश्वगंधा के पौधे को घर पर कैसे उगायें?

अश्वगंधा आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग कई रोगों में लाभकारी तो होता ही है साथ ही यह गार्डन में लगे हुए पौधों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। यह हर्ब गार्डन में पौधों को कीटों के प्रकोप से बचाने एवं पोलिनेटर को आकर्षित करने में काफी मददगार होती है।

अश्वगंधा को असगंध, पुनीर, नागोरी अश्वगंधा, विंटर चेरी, वरदा, कुष्ठगंधिनी, इंडियन जिनसेंग इत्यादि नामों से भी जाना जाता है। इस औषधि का उपयोग तनाव, चिंता, थकान, दर्द, मधुमेह, वात रोग, मिरगी आदि रोगों को दूर करने के लिए करते हैं, इसलिए लोग इस औषधीय पौधे को घर में लगाना पसंद करते हैं।

अश्वगंधा का पौधा कैसा होता है?

अश्वगंधा एक बेहद प्रभावशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी वाला पौधा है। अश्वगंधा का पौधा 3 से 4.5 फुट ऊंचा एवं पत्तियों का रंग हल्का हरा होता है। इसमें हरे रंग के छोटे फूल एवं फल का रंग चटक लाल-नारंगी होता है। असली अश्वगंधा के पौधों को मसलने पर घोड़े की पेशाब जैसी गंध आती है एवं इसकी ताज़ी जड़ों में यह गंध और भी तेज़ हो जाती है।

अश्वगंधा उगाने की आवश्यक सामग्री

औषधीय गुणों से भरपूर अश्वगंधा को उगाने की आवश्यक सामग्री निम्न है, खरीदने के लिए इन पर क्लिक करें-

उत्तम किस्म के बीज !

अश्वगंधा को ग्रो करने के लिए सबसे पहले आपको हाई क्वालिटी के सीड्स की आवश्यकता होगी, जिसे आप OrganicBazar.Net से काफी रीज़नेबल प्राइस पर खरीद सकते हैं। 

मिटटी तैयार करें !

इसको उगाने के लिए उचित जल निकासी वाली पॉटिंग मिक्स मिट्टी का उपयोग करें, जिसे आप घर पर आसानी से तैयार कर सकते हैं। पॉटिंग मिक्स मिट्टी तैयार करने के लिए 50% सामान्य मिट्टी, 30% वर्मी कम्पोस्ट, 10% रेत और 10% कोकोपीट के मिश्रण को अच्छे से मिला कर, सीडलिंग ट्रे एवं ग्रो बैग में भरें।

सीडलिंग ट्रे

सीडलिंग ट्रे में भरी हुई पोटिंग मिक्स मिट्टी में अश्वगंधा के बीजों को लगभग ½ इंच की गहराई में बोयें। बीजों को बोने के बाद, मिट्टी में नमी के लिए पानी अवश्य दें।

अंकुरण

बीज बोने के बाद, उचित देखभाल के साथ अश्वगंधा के बीजों को अंकुरित होने में लगभग 6 से 14 दिन का समय लग सकता है।

जिओ फैब्रिक ग्रो बैग

जब अश्वगंधा के पौधे 5 से 6 इंच बड़े हो जाते हैं, तब आप इन्हें 15x15 इंच जिओ फैब्रिक ग्रो बैग में भरी हुई पोटिंग मिक्स मिट्टी में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।

गार्डनिंग टूल्स

गार्डनिंग टूल्स का उपयोग करने से बुआई से लेकर हार्वेस्टिंग तक का कार्य आसानी से हो जाता है, इन टूल्स को खरीदने के लिए नीचे क्लिक करें:

आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र

अश्वगंधा के पौधे को अच्छे से ग्रो होने और उचित पोषण प्रदान करने के लिए आर्गेनिक खाद महत्वपूर्ण है। बीजों के अंकुरण के बाद जब पौधा 5 से 6 इंच का हो जाये तब PGP लिक्विड फ़र्टिलाइज़र दें एवं हर्ब की ग्रोथ के लिए गोबर खाद और मस्टर्ड केक का उपयोग करें।

पानी

अश्वगंधा के पौधे को उचित मात्रा में पानी अवश्य दें जिससे मिट्टी में नमी बनी रहे, लेकिन ओवर वाटरिंग से बचें।

हार्वेस्ट टाइम

अश्वगंधा की जड़ों को करीब 6 महीने में हार्वेस्ट किया जा सकता है। जब अश्वगंधा के पौधे की पत्तियाँ पीली दिखने लगें तब आप पूरा पौधा जड़ सहित निकाल सकते हैं। इसकी जड़ों को आप 10 से 12 cm  के टुकड़ों में काटकर सुखा लें एवं सूखी जड़ों का चूर्ण तैयार कर सकते हैं।

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