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Om Thakur
आजकल सभी अपने घरों में खूबसूरत हरा भरा गार्डन बनाना चाहते हैं जिसमें सेब जैसे फलों को भी लगाया जा सके, क्योंकि सेब सेहतमंद व देखने में काफी सुन्दर फल होते हैं।
कई लोगों को मालूम नहीं होगा कि अब सेब की कुछ ऐसी किस्मों की खोज हो चुकी है, जो अब केवल कश्मीर व हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे शहरों में ही नहीं बल्कि गुजरात, राजस्थान जैसे गर्म क्षेत्रों में भी उगाई जा सकती है।
सेब की नई किस्मों से सेब के पेड़ को न केवल ठण्ड में बल्कि गर्म जलवायु और कम जगह में भी उगाया जा सकता है। सही तरीके से एप्पल ट्री को घर पर लगाने की जानकारी व प्रॉपर देखभाल के साथ आप इसे उगाने में सफल हो सकते हैं।
सेब उगाने की सामग्री !
उत्तम किस्म के बीज या नर्सरी का पौधा
गमला या ग्रो बैग
आर्गेनिक खाद
पानी
मिट्टी
गमला या ग्रो बैग में मिट्टी लें
आप सेब के पेड़ को 18 x 18, 18 x 24, 24 x 24 इंच या अपनी सुविधा के अनुसार बड़े गमले या ग्रो बैग को चुन सकते हैं। गमले में उपयोगी मिट्टी भरें। आप इसमें मिट्टी भरकर, नमी के लिए पानी का छिड़काव करें।
सेब के बीज
आप सेब के बीजों को डायरेक्ट मेथड से सीधे गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में लगा सकते हैं। गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में बीज लगाने के बाद पानी का छिड़काव करें।
सेब की किस्मों के नाम
गर्म जलवायु में उगने वाली सेब की किस्में
ठंडी जलवायु में उगने वाली सेब की किस्में
डोरसेट गोल्डन एप्पल, अन्ना एप्पल, hrmn-99 एप्पल जैंसी सेब की इन किस्मों को 40-45 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी उगाया जा सकता है
रेड फुजी सेब, राइमर एप्पल, रेड डिलीशियस एप्पल, रेड गाला हार्डीमैन एप्पल जैंसी सेब की इन किस्मों को ठण्डी जलवायु में में भी उगाया जा सकता है
सेब को बीज से कैसे उगाएं?
स्टेप-1
एप्प्ल ट्री के बीजों को बाजार या ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं या फिर सेब के फल से भी बीजों को निकालकर उनका उपयोग किया जा सकता है
एप्प्ल ट्री को बीजों से ग्रो करने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं:
स्टेप-2
सेब के बीजों को लगाने से पहले लगभग 2 महीने के लिए फ्रिज में 5 से 10 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखें, ताकि वे अंकुरित होने के लिए तैयार हो सकें। इस प्रक्रिया को स्ट्रेटिफिकेशन (Stratification) कहते हैं।
स्टेप-3
बसंत ऋतु (Summer) में बीज बोने से अंकुरण की सम्भावना अधिक होती हैं, इसीलिए बीज तैयार करने की प्रक्रिया बसंत ऋतु के शुरू होने से पहले कर लें।
स्टेप-4
मिट्टी को तैयार कर उचित आकार के गमले या ग्रो बैग में भरें।
स्टेप-5
बीजों को गमले या ग्रो बैग की मिट्टी में एक इंच की गहराई में बोएं, ताकि कीटों-पक्षियों आदि से उस बीज की रक्षा हो सके व बीज अच्छे से अंकुरित हो सकें।
स्टेप-6
बीज को गमले में लगाने के बाद मिट्टी में अच्छी तरह पानी देकर नमी बनाएं रखें।
स्टेप-7
यदि बीजों को सही तरीके से लगाया जाए तो बीज लगभग पंद्रह दिनों में जर्मीनेट हो जाते हैं।
स्टेप-8
जब पौधे 4 से 6 इंच लम्बे हो जाएं, तो इन्हें बाहर गार्डन में या बड़े गमले में सावधानीपूर्वक रोपित कर दें।
अंकुरण
स्ट्रेटिफिकेशन प्रोसेस के बाद यदि बीजों को सही तरीके से लगाया जाए तो बीज लगभग पंद्रह दिनों में जर्मीनेट हो जाते हैं।
सेब के लिए पानी
समय-समय पर जब लगे कि पौधे लगे गमले की ऊपरी मिट्टी सूख रही है तो मिट्टी में पानी डालते रहें।
आवश्यक खाद
बीज को गमले में लगाने से पहले ही मिट्टी को तैयार करते समय जैविक उर्वरकों को मिलाया जाना चाहिए। इसके अलावा पौधे की ग्रोइंग स्टेज में भी उर्वरकों का इस्तेमाल महीने में दो बार किया जा सकता है। पौधें के लिए जैविक उर्वरक जैसे वर्मीकम्पोस्ट, बोन मील, नाइट्रोजन युक्त उर्वरक, मस्टर्ड केक, नीम केक, पुरानी गोबर की खाद आदि का उपयोग कर सकते हैं।
उचित धूप
पर्याप्त सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में सेब का पौधा अच्छी तरह से ग्रो करता है, इसे कम से कम 6 से 8 घंटे की धूप मिलना चाहिए।
प्रूनिंग
प्रूनिंग में तनों एवं शाखाओं की छंटाई की जाती है, ताकि पेड़ को मनपसंद शेप दिया जा सके।
प्रूनिंग ठण्ड व बसंत ऋतु (फरवरी-मार्च) में करना अच्छा है ताकि पौधे को स्वस्थ रखा जा सके।
पेड़ की टूटी, सूखी व नीचे की तरफ बढ़ने वाली शाखाओं को प्रूनिंग के दौरान काटकर अलग कर दें।
यदि दो शाखाएँ एक दूसरे को क्रॉस करती हों तो उनमें से किसी एक को अलग कर दें।
कीटों से बचाव
कीटों को पौधों से दूर रखने के लिए लहसुन व पानी का घोल बनाकर पौधे पर स्प्रे कर सकते हैं या फिर नीम तेल के घोल का पौधे पर छिड़काव कर सकते हैं।
एप्पल ट्री अनुकूल जलवायु में तेजी से बढ़ते हैं, फिर भी 5 या अधिक सालों में पूरी तरह से बड़े एवं फल देने लायक हो पाते हैं। सेब के पेड़ से प्राप्त होने वाले सेब का आकार उस पेड़ के विकास पर निर्भर करता है।