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Om Thakur
एन्थुरियम प्लांट (Anthurium) बहुत ही खूबसूरत पौधा है जिसे हिंदी में राजहंस के नाम से जाना जाता है। यह पौधा इतना ज्यादा पॉपुलर है कि, इसे हर कोई अपने घर में लगाना पसंद करता है।
एन्थुरियम प्लांट तापमान और आर्द्रता के प्रति संवेदनशील होते हैं लेकिन इसके बाद भी आप इन्हें कम मेंटेनेंस के साथ अपने घर में लगा सकते हैं। इस पौधे की सबसे खास बात यह होती है कि, इसे बीजों की मदद से उगाया जा सकता है।
यह एक ऐसा फूल वाला पौधा है जो साल भर खिलता है और जिसकी वजह से यह सबसे पॉपुलर हाउसप्लांट या इंडोर प्लांट्स में से एक है। इस स्टोरी में हम आपको बताएँगे कि एन्थुरियम प्लांट घर पर आसानी से कैसें लगा सकते हैं?
एंथुरियम उगाने की सामग्री
उत्तम किस्म के बीज या नर्सरी वाला पौधा
गमला या ग्रो बैग
आर्गेनिक खाद
पानी
मिट्टी
गमला या ग्रो बैग में मिट्टी लें
आप एंथुरियम का पौधा ग्रो करने के लिए अपनी सुविधा के अनुसार गमले या ग्रो बैग का चयन कर सकते हैं। आप इसमें मिट्टी भरकर, नमी के लिए पानी का छिड़काव करें।
एंथुरियम का पौधा उगाने के लिए आप बीजों का प्रयोग कर सकतें हैं, किन्तु नर्सरी में ग्रो किये पौधे का ही उपयोग करें। इससे कम समय में बढ़िया परिणाम देखने को मिल सकता है।
पानी की आवश्यकता
एन्थुरियम के पौधे को नमी पसंद होती है इसलिए आप गमले की मिट्टी में नमी बनाए रखें। लेकिन मिट्टी को ज्यादा गीला या चिपचिपा न करें क्योंकि, अधिक पानी देने से इसकी पत्तियाँ पीली पड़ सकती हैं और जड़ें सड़ने का खतरा भी रहता है। आप पौधों को वॉटर केन की मदद से पानी दें सकते हैं।
राजहंस के पौधे के लिए खाद
आप गमले की मिट्टी में लगे पौधे के लिए वसंत और गर्मियों के समय महीने में 1-2 बार खाद दे सकते हैं। इसके लिए ऐसी खाद का इस्तेमाल करें जिसमें नाइट्रोजन की मात्रा कम हो तथा पौधों को फास्फोरस युक्त उर्वरक दें। आप खाद के रूप में पौधों को नीम केक, रॉक फास्फेट, वर्मीकम्पोस्ट और पुरानी गोबर खाद दे सकते हैं।
उचित धूप
एन्थ्यूरियम के पौधों के लिए सूर्य प्रकाश बहुत अच्छा होता है। आप इसे बहुत तेज धूप पड़ने पर घर के अंदर रख सकते हैं तथा अधिक ठंडी के मौसम में बाहर रखें।
कीटों से सुरक्षा
एंथुरियम के पौधे को कीटों से सुरक्षित रखने के लिए नीम तेल और पानी के घोल का स्प्रे किया जाना चाहिए।
देखभाल कैसे करें?
सुबह और शाम समय पर पानी दें।
पौधे से मरे, मुरझाए, सूखे या खराब पत्तों-फूलों की प्रूनिंग समय पर करें।
पौधे को बढ़ने के लिए लकड़ी का सहारा जरूर प्रदान करें।
इस पौधे को ऐसी जगह पर रखें, जहां पर तापमान 21-32°C के बीच हो।