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Om Thakur

हरी खाद क्या है, गार्डनिंग में इसके उपयोग तथा फायदे!

क्या आप अपने होम गार्डन में लगे हुए पौधों को हरा-भरा रखने तथा स्वस्थ तरीके से जल्दी बड़ा करने के लिए सबसे अच्छे जैविक उर्वरक की तलाश कर रहें हैं? यदि हाँ, तो आज हम आपको इस स्टोरी में घर पर जैविक तरीके से बनाई जाने वाली हरी खाद के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे।

हरी खाद क्या है?

मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने तथा पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा को जोड़ने के लिए, गार्डन में उगाई गयी पत्तेदार सब्जियों या फलीदार पौधों से तैयार की गई ऑर्गेनिक खाद को हरी खाद कहा जाता हैइसे दो तरीके से प्राप्त किया जा सकता है:

पत्तेदार सब्जियों व फलियों वाले पौधों जैसे- मटर, बीन्स इत्यादि को गार्डन में उगाकर।

गार्डन में या किसी अन्य स्थान पर उग रहे पौधों की हरी पत्तियों व शाखाओं को इकट्ठा करके।

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हरी खाद में उपयोग किए जाने वाले पौधे

हरी खाद बनाने के लिए मुख्यतः फलियों वाले पौधे तथा झाड़ियों वाले पौधों का उपयोग किया जाता हैं, इसमें अनेक प्रकार के पौधे शामिल हैं, जिनका हरी खाद के रूप में अपना अलग महत्त्व होता है। हरी खाद वाले पौधों को निम्न प्रकारों में विभाजित किया जाता है:

लंबी अवधि की हरी खाद

शीतकालीन हरी खाद

ग्रीष्मकालीन हरी खाद

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लंबी अवधि की हरी खाद !

इस श्रेणी में उन पौधों को शामिल किया जाता है, जिनको आप एक बार लगाने के बाद लगातार 2-3 वर्षों तक हरी खाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं, इनका उपयोग गर्मी में मल्चिंग, लंबी अवधि की हरी खाद, खरपतवारों का नियंत्रण तथा कीटभक्षियों को आवास प्रदान करने में किया जाता है। जैसें: अल्फाल्फा, बारहमासी राईग्रास, सैनफ़ोइन, कॉक्सफुट, टिमोथी, लाल तिपतिया घास, सफेद तिपतिया घास।

सर्दियों के लिए हरी खाद

सर्दियों के लिए हरी खाद के रूप में उपयोग किये जाने वाले पौधे फलियां हो सकती हैं लेकिन अधिकतर गैर-फलियां कवर फसलें होती हैं। ये पौधे शरद ऋतु (सितम्बर-दिसंबर) में लगाए जाते हैं, उदाहरण के लिए: – तिपतिया घास, चराई राई, सरसों, फसेलिया, फील्ड बीन्स, अनाज, टेआस।

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ग्रीष्मकालीन हरी खाद!

ग्रीष्मकालीन हरी खाद वाले पौधे कम समय में तेजी से बढ़ने वाले पौधे हैं, इस समय आमतौर पर हरी खाद के रूप में उगाये गए फलीदार पौधे, गार्डन की मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ावा देते हैं तथा कुछ झाड़ियों वाले पौधे कीट नियंत्रण या परागणकों को आकर्षित करने के लिए भी उपयोगी हो सकते हैं। जैंसे- मेंथी, सरसों, ल्यूपिन्स, अनाज, लाल तिपतिया घास, मीठा तिपतिया घास, फारसी तिपतिया घास।

हरी खाद फसलों के कुछ प्रमुख कार्य!

ओट्स, विंटर राई, क्लोवर, मटर और दाल इत्यादि फसलें मिट्टी के कटाव को रोकने का कार्य करती हैं।

अल्फाल्फा, ब्रासिका, सरसों और राई आदि फसलों की खुदाई से मिट्टी व पौधों को कीट और बीमारियों से सुरक्षित किया जाता है।

बीन्स, मटर, वीच, ल्यूपिन, क्लोवर, अल्फाल्फा और सोयाबीन इत्यादि नाइट्रोजन-फिक्सिंग फसलें मिट्टी में नाइट्रोजन के स्तर में सुधार वाली फलीदार फसलें हैं।

राईग्रास, अनाज व लाल तिपतिया घास पोषक तत्वों का संरक्षण करने वाली फसलें पोषक तत्वों की लीचिंग को कम करती हैं और मिट्टी में अतिरिक्त पोषक तत्व मिलाती हैं।

मिट्टी में खरपतवार नियंत्रण के लिए शीतकालीन राई, मीठा तिपतिया घास, अनाज इत्यादि हरी खाद फसलें उगाई जाती हैं।

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हरी खाद की फसल लगाने के लिए कंटेनर

हरी खाद की फसल लगाने के लिए आपको अधिक मात्रा में फसल उगाने की आवश्यकता होगी , इन फसलों को आप अपने गार्डन की मिट्टी में या ग्रो बैग में भी उगा सकते हैं, इसके लिए आप निम्न आकार के ग्रो बैग का चुनाव कर सकते हैं:

3F X 2F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग

3F X 3F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग

4F X 2F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग

6F X 3F X 1F रेक्टेंगल ग्रो बैग

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हरी खाद के पौधे लगाने की विधि!

चुने हुए गमले या ग्रो बैग में मिट्टी भरें।

हरी खाद बनाने के लिए जलवायु एवं मिटटी के आधार पर  चुनी हुई फसल के बीज मिट्टी में डालें।

बीजों को बिखेरने के बाद मिट्टी की परत से ढंक दें।

अंकुरण होने तक मिट्टी को हमेशा नम रखें।

अंकुरण के बाद पौधों की अच्छी तरह देखभाल करें।

लगभग 6-8 सप्ताह में आपके पौधे हरी खाद के उपयोग के लिए तैयार हो जाएंगे।

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हरी खाद बनाने की विधि !

हरी खाद बनाने के लिए तैयार किये गये पौधों को काट कर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है, तथा फिर उन्हें नम मिट्टी में अच्छी तरह मिलाया जाता है, जिससे फसलों में उपलब्ध पोषक तत्व मिट्टी में अच्छी तरह मिल जाते हैं तथा मिट्टी की संरचना में सुधार हो जाता है। इसके अतिरिक्त हरी खाद वाली फसलों के अच्छी तरह पक जाने के बाद, उन्हें ट्रोवेल टूल्स या 3 फिंगर कल्टीवेटर टूल्स की मदद से मिट्टी को पलटकर दबा दें तथा लगभग 3-4 महीने बाद आप इस मिट्टी में अपने मुख्य पौधे की रोपाई कर सकते हैं।

गार्डन में हरी खाद का उपयोग कैसे करें !

तैयार की हुई हरी खाद को आप साइड ड्रेसिंग के रूप में गार्डन में लगे हुए पौधों के आस-पास की मिट्टी में मिला सकते हैं।

होम गार्डन में पौधे लगाते समय आप फर्टिलाइजर के रूप में हरी खाद का उपयोग कर सकते हैं।

गार्डन में हरी खाद का उपयोग करते समय मिट्टी की गुड़ाई कर हरी खाद को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाये तथा पौधों को पानी दें।

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गमले में हरी खाद का उपयोग कैसे करें!

अगर आप गमले में पौधे लगाने का विचार बना रहें हैं तो मिट्टी तैयार करते समय हरी खाद को उर्वरक के रूप में मिट्टी में मिलाने के बाद गमले में पौधा लगाएं।

गमले में हरी खाद का उपयोग करना चाहते हैं, तो गमले की मिट्टी में साइड ड्रेसिंग के रूप में हरी खाद का उपयोग करें।

इसके अलावा गमले की मिट्टी की गुड़ाई कर आप इसमें भी हरी खाद को मिला सकते हैं, खाद मिलाने के तुरंत बाद पौधों को पानी देना चाहिए।

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गार्डन में हरी खाद के फायदे !

यह मिट्टी के कटाव तथा पोषक तत्वों के बहाव को रोकता है।

यह मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बढ़ाता है तथा अधिक उपजाऊ बनाता है।

पौधों में नाइट्रोजन सहित अन्य कार्बनिक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है।

सूक्ष्म जीवाणुओं की गतिविधि को बढ़ाता है।

मिट्टी में रोगों के होने की सम्भावना को कम करता है।

यह मिट्टी में नमी धारण क्षमता को बढ़ाता है।

मिट्टी में वायु संचरण होने में सहायक है।

खरपतवार को नियंत्रित करता है।

कीटों से पौधों की सुरक्षा करता है।

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