www.organicbazar.net

Om Thakur

बारिश के मौसम में करेला की ग्रोथ के लिए खाद कब और कैसे दें?

रैनी सीजन में तेज बारिश के कारण मिट्टी का कटाव होने से उसमें उपस्थित पोषक तत्व बह जाते हैं, इससे करेला की बेल को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त नहीं हो पाते, इसलिए बरसात में करेला की बेल की ग्रोथ बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक खाद देने की जरूरत होती है।

वर्षा ऋतु में खाद कब दें?

बरसात में करेला की बेल को खाद आवश्यकतानुसार मिट्टी तैयार करते समय, अंकुरण होने के बाद, बेल की ग्रोथ के समय एवं बेल में फूल लगने पर दे सकते हैं।

वर्षा ऋतु में खाद कैसे दें?

बरसात में करेला की बेल को फ़र्टिलाइज़र सॉलिड फॉर्म में देना चाहिए, इससे खाद धीरे-धीरे  मिट्टी में रिलीज़ होती रहती है। यदि मौसम खुला है, तो लिक्विड या फोलियर स्प्रे के रूप में फर्टिलाइजर पौधों को दें, क्योंकि बरसात के मौसम में फोलिअर स्प्रे वाले उर्वरक, पौधे द्वारा जल्दी अवशोषित हो जाते हैं।

ग्रोइंग अवस्था के अनुसार खाद

मिटटी तैयार करते समय

बीज जर्मीनेट होने के बाद

पौधे की ग्रोथ के लिए

फ्लावरिंग के समय

बरसात में करेला की निम्न ग्रोइंग स्टेज पर आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र देना चाहिए:

मिटटी तैयार करते समय खाद !

बारिश में करेला के बीज बोने से पहले मिटटी तैयार की जाती है, इसके लिए 50% मिटटी, 10% रेत, 30% गोबर खाद एवं 10% नीम केक का उपयोग करें।

सीड जर्मीनेशन के बाद फ़र्टिलाइज़र !

रैनी सीजन में करेला के बीज अंकुरित होने के बाद, प्लांट ग्रोथ प्रमोटर (PGP) लिक्विड फ़र्टिलाइज़र का प्रयोग कर सकते हैं।

बेल की ग्रोथ के लिए खाद

बारिश में करेला की बेल की ग्रोथ के लिए नाइट्रोजन रिच आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र अच्छा होता हैं। इसके लिए आप आर्गेनिक वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग कर सकते हैं। वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग 10 से 15 दिन के अन्तराल पर करना चाहिए।

फूल लगने पर आर्गेनिक खाद

जब करेला की बेल में फूल लगने लगे तब आप आर्गेनिक पोटाश और प्रोम फ़र्टिलाइज़र का प्रयोग कर सकते हैं। इससे करेला की बम्पर पैदावार होगी।

अगर आपको इस स्टोरी में दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो स्टोरी को शेयर जरुर करें एवं गार्डनिंग प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन खरीदने के लिए भारत का बेस्ट गार्डनिंग प्रोडक्ट्स ई-कॉमर्स प्लेटफार्म OrganicBazar.Net को विजिट जरुर करें।