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Om Thakur
रैनी सीजन में शिमला मिर्च के पौधे के लिए बेस्ट आर्गेनिक खाद !
रैनी सीजन में तेज बारिश के कारण मिट्टी का कटाव होने से उसमें उपस्थित पोषक तत्व बह जाते हैं, इससे शिमला मिर्च प्लांट्स को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त नहीं हो पाते, इसीलिए बरसात में पौधों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक खाद देने की जरूरत होती है।
वर्षा ऋतु में खाद कब दें?
बारिश के मौसम में शिमला मिर्च के पौधे को खाद आवश्यकता के अनुसार मिट्टी तैयार करते समय, अंकुरण के बाद, पौधे की ग्रोथ के समय एवं पौधे में फूल लगने पर दे सकते हैं।
वर्षा ऋतु में खाद कैसे दें?
बरसात में शिमला मिर्च के पौधों को फ़र्टिलाइज़र सॉलिड फॉर्म में देना चाहिए, इससे खाद धीरे-धीरे मिट्टी में रिलीज़ होती रहती है। यदि मौसम खुला है, तो लिक्विड या फोलियर स्प्रे के रूप में फर्टिलाइजर पौधों को दें, क्योंकि बरसात के मौसम में फोलिअर स्प्रे वाले उर्वरक, पौधे द्वारा जल्दी अवशोषित हो जाते हैं।
टमाटर की ग्रोइंग अवस्था के अनुसार खाद
मिटटी तैयार करते समय
बीज जर्मीनेट होने के बाद
पौधे की ग्रोथ के लिए
फ्लावरिंग के समय
बरसात में शिमला मिर्च की निम्न ग्रोइंग स्टेज पर आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र देना चाहिए:
मिटटी तैयार करते समय खाद !
बारिश में शिमला मिर्च के बीज बोने से पहले मिटटी तैयार की जाती है, इसके लिए 50% मिटटी, 30% गोबर खाद, 10% रेत एवं 10% नीम केक का उपयोग करें।
सीड जर्मीनेशन के बाद फ़र्टिलाइज़र !
रैनी सीजन में शिमला मिर्च के बीज अंकुरित होने के बाद, प्लांट ग्रोथ प्रमोटर (PGP) लिक्विड फ़र्टिलाइज़र का प्रयोग कर सकते हैं।
पौधे की ग्रोथ के लिए खाद
बारिश के मौसम में शिमला मिर्च के पौधे की ग्रोथ के लिए नाइट्रोजन रिच आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र अच्छा होता हैं। इसके लिए आप आर्गेनिक मस्टर्ड केक फ़र्टिलाइज़र का प्रयोग कर सकते हैं। मस्टर्ड केक को 10 से 15 दिन के अन्तराल पर देना चाहिए
फूल लगने पर आर्गेनिक खाद
जब शिमला मिर्च के पौधे में फूल और फल लगने लगे तब आप आर्गेनिक पोटाश और प्रोम फ़र्टिलाइज़र का प्रयोग कर सकते हैं। इससे शिमला मिर्च की बम्पर पैदावार होगी।
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