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Om Thakur
फूल वाले पौधों के लिए बेस्ट आर्गेनिक खाद !
गार्डन में खिले रंग-बिरंगे फूल हर किसी के मन को भाते हैं, इसलिए लोग अपने गार्डन में रंग बिरंगे खुशबूदार फूलों के पौधे लगाते हैं। इन खुशबूदार फूलों से आसपास का माहोल तो खुशनुमा होता ही है साथ ही गार्डन की शोभा भी कई गुना बढ़ जाती है।
इस स्टोरी में आप जानेंगे कि घरेलू उर्वरकों या होममेड खाद की सहायता से फूल वाले पौधे की ग्रोथ कैसे बढ़ाएं एवं इन प्लांट्स की देखभाल कैसे करें, जिससे इन पर फूलों की भरमार बनी रहे। तो आईये जानते हैं इन फ्लावरिंग प्लांट्स के लिए बेस्ट आर्गेनिक खाद अगली स्लाइड में:
फूल वाले पौधों के लिए पूर्ण उर्वरक!
फूल वाले पौधों में डलने वाला कम्प्लीट फर्टिलाइजर तीन मुख्य पोषक तत्वों नाइट्रोजन (N), फास्फोरस (P) और पोटेशियम (K) का मिश्रण होता है। इसे शॉर्ट फॉर्म में एनपीके (NPK) कहते हैं। NPK उर्वरक अलग-अलग अनुपात में आता है।
पर्ण उर्वरक (foliar fertilizer)
जब जड़ के माध्यम से पौधे को पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते हैं, तब उस स्तिथि में फोलिअर फर्टिलाइजर का उपयोग किया जाता है। फोलियर फर्टिलाइजर को फूल वाले पौधे की पत्तियों पर स्प्रे किया जाता है एवं पत्तियों द्वारा पोषक तत्वों को अवशोषित किया जाता है जिससे पत्तियां हरी हो जाती हैं व पौधे मे नए फूल भी खिलने लगते हैं।
एप्सम साल्ट
एप्सम साल्ट, सेंधा नमक जैसा ही दिखता है पर यह गुणों में सेंधा नमक से भिन्न होता है। एप्सम साल्ट में सल्फर एवं मैग्नीशियम पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पौधे में फूलों का उत्पादन बढ़ा देते हैं।
कब दें – फूल वाले पौधे को लगाते समय या जब पौधा थोडा बड़ा हो जाए तब आप पौधों पर एप्सम साल्ट के घोल का छिड़काव कर सकते हैं।
कैसे घोल बनाएं – एक लीटर पानी में एक चम्मच एप्सम साल्ट मिलाकर घोल बनाएं व जड़ों पर डालें या फिर युवा पौधों की पत्तियों पर छिड़काव करें।
केले के छिलके की खाद
केला के छिलके में पोटेशियम, कैल्शियम, फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे फूल वाले पौधे की जड़ें मजबूत होती हैं व नए फूल खिलने लगते हैं।
कब दें – तीन से छ: महीने में एक बार केले के छिलके से बनी कम्पोस्ट खाद का प्रयोग फूल वाले पौधों पर किया जा सकता है।
कैसे घोल बनाएं –केले के छिलकों को छोटे छोटे टुकड़ों में काटकर कुछ दिनों के लिए पानी में डाल दें एवं फिर उस पानी को छान कर पौधों की जड़ों में इस्तेमाल कर सकते हैं।
अंडे के छिलके की खाद
अंडे के छिलकों में मैग्नीशियम, कैल्शियम व जिंक जैसे फूल वाले पौधों के लिए उपयोगी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ये पोषक तत्व फूल वाले पौधों के तनों को मजबूत बनाते हैं व पौधे में बीज निर्माण प्रक्रिया को तेज करते हैं।
कब दें– महीने में एक बार इसका प्रयोग फूल वाले पौधों पर ज्यादा फूल प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
घोल कैसें बनाएं–अंडे के छिलकों का बारीक पाउडर बनाकर पौधे की जड़ों में डालें या चूर्ण को पानी में घोल कर भी फूल वाले पौधों की मिट्टी पर डाला जा सकता है।
प्याज के छिलकों की लिक्विड खाद!
प्याज के छिलकों से बने उर्वरक में आयरन, कॉपर, मैग्निशियम, पोटेशियम, कैल्शियम जैसे तत्व पाए जाते हैं, जिनके इस्तेमाल से फ्लावर प्लांट में पोषक तत्वों को अवशोषित करने की गति बढ़ जाती है।
कब दें– महीने में एक बार प्याज से बनी खाद को फूल वाले पौधे लगे गमले की मिट्टी पर डाला जा सकता है।
घोल कैसें बनाएं–प्याज के छिलकों को पानी में डालकर 1-2 दिन के लिए रख दिया जाता है इसके बाद इसे छान कर तरल खाद को फूल वाले पौधों की जड़ों पर डाला जा सकता है।
मस्टर्ड केक
इससे पौधे को मैंगनीज, सल्फर, जिंक, नाइट्रोजन, पोटेशियम, फास्फोरस जैसे कई पोषक तत्व मिल जाते हैं। इन पोषक तत्वों से फूल वाले पौधों की जड़ों में वृद्धि होती है और पौधों की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढती है।
कब दें– आप महीने में एक या दो बार मस्टर्ड केक जैविक उर्वरक को अपने फूल वाले पौधों को दे सकते हैं।
घोल कैसें बनाएं–एक कंटेनर में इस खाद की कुछ मात्रा को थोड़े पानी में मिलाएं और तीन-चार दिन के लिए ढक कर रख दें। फिर तीन दिन बाद मस्टर्ड केक फर्टिलाइजर को पानी की दोगुनी मात्रा में मिलाएं। अब इस घोल को फूल वाले पौधों की जड़ों पर डाला जा सकता है।
बोन मील जैविक खाद !
इस बोन मील खाद में फास्फोरस और कैल्शियम मुख्य रूप से पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व फूल वाले पौधों में जड़ें तेजी से विकसित करते हैं व इनसे फूल जल्दी खिलते हैं।
कब दें– आप 3 से 6 महीने में एक बार इसका उपयोग फूल वाले पौधों पर कर सकते हैं।।
उपयोग कैसें करें–बोन मील फर्टिलाइजर को सीधा फूल वाले पौधों की मिट्टी में भुरका जाता है व मिट्टी में उसे अच्छे से मिला दिया जाता है।
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गोबर खाद !
गोबर खाद में पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस एवं अन्य माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व फूल वाले पौधे की पत्तियों को हरा भरा बनाते हैं और फूलों के विकास को प्रोत्साहित करते हैं।
कब दें– आप महीने में एक या दो बार इसका उपयोग फूल वाले पौधों पर कर सकते हैं।।
उपयोग कैसें करें–इसका उपयोग कई तरह से किया जाता है: जैसे- फूल वाले पौधों को लगाने के लिए मिट्टी तैयार करते समय मिट्टी में ही मिलाकर या पौधा जब थोडा बड़ा हो जाये तब उसकी जड़ों के पास मिट्टी में डालकर।
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जैविक उर्वरक के प्रयोग में सावधानियां!
ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर को नियमित न डालें, आप इसे 15 से 30 दिन के अंतराल पर डाल सकते हैं।
एप्सम साल्ट को ज्यादा मात्रा में उपयोग करने से पौधे का विकास धीमा हो जाता है इसीलिए इसकी उचित मात्रा ही फूल वाले पौधों में डालें।
केले के छिलकों से बनी खाद को ऐसे समय न डालें जब धूप न निकलती हो, क्योंकि धूप के अभाव में पौधे में फंगस लग सकती है इसीलिए जब अच्छी धूप निकले तभी इनका उपयोग फूल वाले पौधों में करें।