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Om Thakur

गार्डनिंग में जैविक उर्वरक बोन मील के फायदे!

गार्डन को हरा भरा रखने के लिए मिट्टी का पोषक तत्वों से परिपूर्ण होना काफी महत्वपूर्ण होता है। मिट्टी उपजाऊ बनाने और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने के लिए वर्तमान में आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र के रूप में बोन मील का उपयोग काफी प्रभावी ढंग से किया जा रहा है।

पौधों में अधिक मात्रा में फूल और फल का उत्पादन करने के लिए बोन मील एक प्रभावी उर्वरक है। शुद्ध आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र बोन मील के बारे में जानना चाहते हैं तो इस स्टोरी को पूरा पढ़ें

बोन मील क्या होता है?

बोन मील, एक जैविक उर्वरक (organic fertilizer) है, जो जानवरों की हड्डियों का चूर्ण होता है। इसे बनाने की प्रक्रिया में हड्डियों को उबालना या भाप देना और फिर उन्हें एक महीन पाउडर में पीसना शामिल है। पौधों की मिट्टी में फास्फोरस की मात्रा को बढ़ाने के लिए बोन मील जैविक उर्वरक का उपयोग किया जाता है।

इसका उपयोग कैसे करें?

यदि आपके गार्डन की मिट्टी का पीएच 7 से कम है, तब बोन मील का इस्तेमाल करना काफी फायदेमंद होगा। इसके लिए सर्वप्रथम आप पौधा रोपण से पहले मिट्टी या खाद के ढेर में बोन मील को अच्छी तरह मिला लें। पौधा लगाने से पहले रोपण छेद के नीचे कुछ बड़े चम्मच बोन मील को भी डाल सकते हैं।

यदि आप पौधा रोपण के बाद बोन मील का उपयोग करना चाहते हैं तो गमले की मिट्टी को लगभग 2 इंच गहराई तक पलटकर उसमें लगभग आधा कप बोन मील पाउडर को अच्छी तरह से मिलाएं। प्रत्येक 100 वर्ग फुट मिट्टी के लिए 4-5 किग्रा की दर से इस उर्वरक का उपयोग किया जा सकता है।

बोन मील का NPK कितना होता है?

बोन मील पाउडर में एनपीके (NPK) अनुपात अर्थात नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम का अनुपात सामान्यतः 3-15-0 होता है।

फास्फोरस से भरपूर बोन मील पाउडर!

इसमें फास्फोरस भरपूर मात्रा में रहता है, जो पौधों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है। यह खनिज पौधे की जड़ वृद्धि, प्रकाश संश्लेषण करने, कोशिका विभाजन, फूल और बीज उत्पादन करने, पौधे के भीतर ऊर्जा हस्तांतरण करने और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में एक बड़ी भूमिका निभाता है।

कैल्शियम रिच होता है बोन मील!

बोन मील की मदद से आप मिट्टी में कैल्शियम की मात्रा को जोड़ सकते हैं जो पौधों की कोशिका भित्ति को मजबूत और स्वस्थ रखने के लिए फायदेमंद होता है। यह टमाटर, जुकिनी और मिर्च जैसी अन्य सभी सब्जियों की बेहतर और स्वास्थ्यवर्धक पैदावार को भी बढ़ाता है।

स्टीम्ड बोन मील में होता है भरपूर नाइट्रोजन

बोन मील मिट्टी को नाइट्रोजन उपलब्ध कराने का एक अच्छा उर्वरक है। स्टीम्ड बोन मील की NPK वैल्यू 3-15-0 होती है। अतः इसका इस्तेमाल करने से पौधों और उपज की गुणवत्ता में सुधार होता है।

बोन मील का उपयोग कब करें?

गार्डन के पौधों के लिए बोन मील का इस्तेमाल करने से पहले, मिट्टी का परीक्षण किया जाना चाहिए। यदि मिट्टी का पीएच 7 से ऊपर है, तो बोन मील फॉस्फोरस की प्रभावशीलता काफी कम हो जाती है। गार्डन में मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए बोन मील का प्रयोग किया जाता है।

क्या बोन मील का उपयोग सुरक्षित है?

गार्डन में बोन मील का प्रयोग करने से किसी भी प्रकार की बीमारी का ख़तरा नहीं होता है। इसका का निर्माण करने से पहले, जानवरों की बीमारी का परीक्षण किया जाता है और यदि जानवर संक्रमित पाया जाता है तो उनकी हड्डियों का उपयोग नहीं किया जाता है। अतः बोन मील पूरी तरह से सुरक्षित है

बोन मील जैविक उर्वरक के फायदे!

यह पौधों को कैल्शियम और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की आपूर्ति कर जड़ों को मजबूत और मिट्टी को उपजाऊ बनाता है

यह लाभकारी मिट्टी के जीवाणुओं को बढ़ाता है, जो पौधे के विकास को प्रोत्साहित करते हैं।

बोन मील मृदा के अन्य पोषक तत्वों के साथ संतुलन में कार्य करता है

इसके प्रयोग से पौधे में अधिक फूल और फल लगाने लगते हैं।

प्रमुख सावधानियां!

यदि मिट्टी का पीएच 7 से अधिक है अर्थात मिट्टी क्षारीय है, तो बोन मील का इस्तेमाल करने से पहले मिट्टी का पीएच ठीक करें।

इसके उपयोग करने की समयावधि के बीच 4 महीनों का अंतर होना चाहिए।

गार्डन में इसका उपयोग करने से पहले मास्क पहनना चाहिए।