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Om Thakur
कोकोपीट कॉइंस में बीज अंकुरण के फायदे जानकर आप हो जायेंगे हैरान !
गार्डनिंग करते समय मुख्य समस्या सीड्स जर्मीनेशन को लेकर आती है, हम कई बार सही तरीके से मिट्टी में बीज लगाते हैं, लेकिन सही मिट्टी होने के बावजूद भी बीजों में अंकुरण नहीं हो पाता है, लेकिन बीज अंकुरण की इन सभी समस्याओं का हल कोकोपीट कॉइंस हैं, तो आईये जानते हैं इस कोको कॉइन के फायदे:
कोकोपीट कॉइन क्या है?
कोकोपीट कॉइंस या पेलेट को विशेष रूप से सीडलिंग ट्रे या अन्य प्लांटर्स में बीज बोने तथा सफलता-पूर्वक बीजों को अंकुरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसे नारियल के फाइबर या भूसी को कंप्रेस्ड करके डिस्क के आकार में बनाया जाता है, यह कोको पीट कॉइंस 100% बायो-डिग्रेडेबल एवं छिद्रपूर्ण होते हैं।
कोकोपीट कॉइन का उपयोग कैसे करें?
कोको कॉइन को ग्रोइंग ट्रे में सफ़ेद लेयर हटाये बिना रखें और इसको तब तक पानी दें, जब तक कॉइन का आकार फूल कर चार गुना न हो जाये, इसके बाद फूले हुए कॉइन के सेंटर में छेद करके बीज को उचित गहराई में लगाएं एवं समय पर पानी देते रहें, लगभग 2 सप्ताह में कोकोपीट डिस्क में सीड जर्मीनेट हो जायेगा, प्लांट के बड़ा होने पर कॉइन समेत गार्डन में ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
कोकोपीट कॉइन में सीड जर्मीनेट करने के फायदे !
सफलता पूर्वक बीज-अंकुरण
एंटी फंगल गुण
उचित वायु संचरण
इको-फ्रेंडली मीडिया
पोरस मीडियम
पौधों की घनी और मजबूत जड़ें
हाइड्रोपोनिक्स
पौधों के ट्रांसप्लांटिंग में आसानी
सफलता पूर्वक बीज-अंकुरण
कई बार बीजों को मिट्टी में लगाने पर वह अंकुरित नहीं हो पाता या सीडलिंग नष्ट हो जाती है, इस समस्या से निजात पाने के लिए आप कोकोपीट कॉइन या कोकोपीट डिस्क का उपयोग कर सकते हैं, इसमें बीज आसानी से अंकुरित हो जाता है एवं अंकुरण ख़राब भी नहीं होता है।
उचित वायु संचरण
कोकोपीट डिस्क या कोकोपीट पेलेट, पोरस होने के कारण इसमें वायु संचरण काफी अच्छे तरीके से होता है, एवं एयर प्रूनिंग के कारण पौधा तेजी से जड़ें जमाता है और रेशेदार जड़ों का विकास काफी तेजी से होता है।
पोरस मीडिया
कोकोपीट कॉइन्स एक छिद्रयुक्त अथवा पोरस (Porous) मीडिया है, जिसकी वजह से इनमें बीज अंकुरित करने से कोकोपीट कॉइन्स में ओवरवाटरिंग की समस्या उत्पन्न नहीं होती और बीज अच्छे से अंकुरित हो पाता है।
हाइड्रोपोनिक्स
यह कोको कॉयर कॉइंस या पेलेट हाइड्रोपोनिक्स के रूप में यूज़ किये जाते हैं, अर्थात इसमें बीज अंकुरित करने के लिए मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती, केवल पानी की मदद से कोकोपीट कॉइन में बीज अंकुरित हो जाता है।
एंटी फंगल गुण
कोकोपीट कॉइन एंटी फंगल होता है, अर्थात हानिकारक कीट और फंगस इससे दूर ही रहते हैं। जिससे अंकुरित होने वाले बीजों में कीट और बीमारी लगने का खतरा भी काफी कम हो जाता है।
इको-फ्रेंडली
ये कोकोपीट पेलेट डिस्क इको फ्रेंडली होते हैं, क्योंकि कोकोपीट कॉइंस एवं उसकी सफ़ेद कवरिंग लेयर दोनों मिट्टी में आसानी से मिल जाते हैं और मिट्टी तथा पौधे को कोई नुकसान नही पहुंचाते।
पौधों में घनी और मजबूत जड़ों का विकास
यह कोको कॉयर कॉइन छिद्रयुक्त फाइबर से बने होते हैं, जिसकी वजह से इसमें पौधों की जड़ें रेशेदार, घनी, मजबूत एवं सीधी-सीधी विकसित होती हैं, जबकि मिट्टी में पौधों की जड़ों के उलझने की सम्भावना काफी ज्यादा बनी रहती है।
पौधों को ट्रांसप्लांट करने में आसानी !
कोकोपीट कॉइंस में जब पौधे आकार में बड़े हो जाते हैं, तो आप कोकोपीट डिस्क सहित प्लांट को डायरेक्ट जमीन में या ग्रो बैग अथवा गमले की मिट्टी में काफी आसानी से ट्रांसप्लांट कर सकते हैं, क्योंकि इसमें जड़ों को कोई नुकसान नहीं होता और प्लांट आसानी से शॉक-रहित ट्रांसप्लांट हो जाते हैं।
कोकोपीट कॉइंस कहाँ से खरीदें?
कोकोपीट कॉइंस, बीजों को अंकुरित करने के लिए बेस्ट मीडियम है, इसे खरीदने के लिए आप भारत के बेस्ट ई-कॉमर्स प्लेटफार्म OrganicBazar.Net की वेबसाईट पर विजिट करके काफी रीज़नेबल प्राइस पर परचेस कर सकते हैं।
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