10 सामान्य गलतियाँ जो बीज बोने के बाद पौधे को उगने से रोकतीं हैं – 10 Common Mistakes Which Harm Seed-Sowing Success

एक छोटे से बीज से एक स्वस्थ पौधा उगाना हर गार्डनर का सपना होता है। लेकिन आपको बता दें कि हर किसी को अपने बीज से पौधा उगाने में सफलता नहीं मिलती। बहुत से लोग तो बड़े उत्साह और उम्मीद के साथ अपने बीज बोते हैं और वे कुछ दिनों में अंकुरण की उम्मीद करते हैं। लेकिन कई बार जब बीज का अंकुरण नहीं होता तो वे लोग निराश हो जाते हैं। लेकिन वे नहीं जानते ही अनजाने में कुछ ऐसी गलती कर रहें हैं जो उनके द्वारा बीज बोने के बाद पौधे को उगने से रोक रही है।

सामान्य गलतियाँ जो बीज बोने के बाद पौधे को उगने से रोकतीं हैं – Common Mistakes Which Harm Seed-Sowing Success

सामान्य गलतियाँ जो बीज बोने के बाद पौधे को उगने से रोकतीं हैं – Common Mistakes Which Harm Seed-Sowing Success

आपको बता दें कि बीजों को अंकुरित होने की कुछ सामान्य गलती है जो हर कोई करता है और इन्हें दूर करना काफी आसान भी होता है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके द्वारा बोये गए बीजो से पौधा उगने में दिक्कत का सामना करना पद रहा है तो इस लेख को जरुर पढ़ें।यहाँ पर हम 10 ऐसी गलतियों के बारे में बात करेंगे जो कि बीज बोने के बाद उन्हें उगने से रोकती है। अगर आप इन गलतियों को करने से बचते हैं तो आप बीजो को उगने के लिए परिस्थितियाँ ठीक कर सकते हैं।

1) मिट्टी के ग़लत तापमान में बीज लगाना – Sowing in the Wrong Soil Temperature

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आपको बता दें कि बीजों को अंकुरित होने के लिए के जरूरी मिट्टी का तापमान होता है जो बीज के अंकुरण के लिए स्टार्टर के रूप में काम करता है, जिससे पौधे को मौसम के अनुरूप ग्रोथ करने में मदद मिलती है। बीजों को अंकुरित होने के लिए मिट्टी के 15-25°C  तापमान की आवश्यकता होती है यदि आपकी मिट्टी आपके बोए गए बीज के लिए बहुत ठंडी है तो आपका बीच अंकुरित नहीं होगा, चाहे आप कितना भी इंतजार करें। इसके अलावा अपवादों और अधिक सटीक आंकड़े के लिए आप प्रत्येक बीज को अंकुरित होने में लगने वाले तापमान पता कर लें।

वहीं दूसरी ओर अगर  मिट्टी बहुत अधिक गर्म हो जाती है, तो आपके बीज अंकुरण से पहले या उसके तुरंत बाद मर जाएंगे, इसलिए यदि आप ग्रीन हॉउस या गर्म मिट्टी में बीज बो रहे हैं तो इस बात का ध्यान जरुर रखें।

नए साल की शुरुआत में बाहरी बुआई के लिए, मिट्टी, हवा की तुलना में काफी ठंडी हो सकती है, जबकि कंटेनरों में रखी खाद गर्म हो सकती है और अगर अपने इन्हें सीधे सूर्य की रोशनी में रखा हो तो यह बहुत अधिक गर्म भी हो सकती हैं ।

2) पानी देने की समस्या – Watering Issues

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बीजों के अंकुरण के लिए मिट्टी में थोड़ी नमी का होना भी आवश्यक है। इसके बाद भी जब अंकुरण हो जाता है तो अंकुर की अपरिपक्व जड़ प्रणाली को निरंतर नमी की आवश्यकता होती है। अगर मिट्टी भी कुछ घंटो तक सूखी है तो यह छोटे पौधे के लिए घातक भी साबित हो सकती है।

अगर मिट्टी जल का जमाव करने वाली है तो यह बीज के अंकुरित होने से पहले ही सड़ने का कारण बन सकती है। साथ ही ऐसी मिट्टी हानिकारक फफूंद और बीमारियों को भी बढ़ावा दे सकती है।

बीजों और छोटे अंकुरित पौधों के लिए, थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार पानी एक अच्छे अंकुरण के लिए बहुत अच्छा होता है, इसलिए आपको इस तरीके को अपनाना चाहिए।

3) मिट्टी की खराब गुणवत्ता – Poor Soil Quality

1) High-Quality Soil for Planting Chilli:

अगर आप अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी का उपयोग करते हैं तो बीजों को अच्छी शुरुआत मिलती है। इसके लिए आपको बगीचे में मिट्टी को अच्छी तरह से गुड़ाई करना चाहिए वह हल्की और हवादार हो, और जितना हो सके उतने कंकड़-पत्थर और अन्य कचरा हटा दें।

अगर आप गमलो में बीज लगाते है तो इसके लिए बगीचे से लाई गई मिट्टी के बजाय अच्छी गुणवत्ता वाली खाद का उपयोग करें। विशेष रूप से छोटे बीजों के लिए, इसकी बनावट को और हल्का करने के लिए वर्मीक्यूलाईट को खाद में मिलाना उपयोगी हो सकता है, ताकि बीज को अंकुरित होने पर कम कठोरता का सामना करना पड़े।

खरपतवार से बचने के लिए आपको ताज़ी मिटटी मिट्टी का उपयोग करना चाहिए। यदि आप पिछले साल की खाद का दोबारा उपयोग करते हैं तो आप अपने बीजों को खरपतवार के बीजों से भरी मिट्टी में बोने का जोखिम उठाना पड़ सकता है। इसके अलावा उसमे स्लग और अन्य कीटों के अंडे भी हो सकते हैं।

4) दूषित गमलो का उपयोग करना – Using Contaminated Containers

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जब आप बीजों को गमले में लगाते है तो उस दौरान बीमारियों और कीटों को पनपने से रोकने के लिए आपको साफ गमलो या सीडलिंग ट्रे का उपयोग करना चाहिए। जिस भी गमलो या सीडलिंग ट्रे में आप बीज को लगा रहें हैं उसे अच्छी तरह से साफ़ कर लें और इसके बाद उसमे मिट्टी भरकर बीज लगायें।

5) बहुत गहरी बुआई करना – Sowing Too Deep

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कुछ बीजों ऐसे होते हैं जिन्हें अंकुरित होने के लिए दूसरे बीजो की तुलना में अधिक प्रकाश की आवश्यकता होती है। इसलिए बीज को जिस गहराई पर बोया है उसका भी असर पड़ता है, क्योंकि अगर आप बीच को बहुत गहराई पर बोने पर बीज को  फूटने के लिए आवश्यक प्रकाश नहीं मिलेगा। सीधे शब्दों में बताएं तो किसी भी बीज को उसकी चौड़ाई से लगभग 2 या 3 गुना अधिक गहराई में बोया जाना चाहिए। सटीक जानकारी के लिए आपको बीज के पैकेट में लिखी जानकारी को पढना चाहिए।

यदि आप सतह से एक सेंटीमीटर या उससे अधिक नीचे बुआई कर रहे हैं, तो बाद में ज़मीन को बहुत ज़ोर से न दबाएं। बीज से निकलने वाले अंकुर आश्चर्यजनक रूप से मजबूत होते हैं, लेकिन अत्यधिक टाइट मिट्टी उनके विकास को शुरू होने से पहले ही रोक सकती है।

कुछ बीज ऐसी होते हैं जिन्हें मिट्टी की तरह पर या उसके पास बोने की आवश्यकता है, जैसे कि स्ट्रॉबेरी के बीज। ऐसे बीज को बुआई के बाद धीरे से दबा दें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनका मिट्टी के साथ अच्छा संपर्क बना रहे।

6) बहुत जल्दी बुआई करना – Sowing Too Soon

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कई बार अंकुरण के बाद भी प्रकाश की कमी समस्याएँ पैदा कर सकती है। घर के अंदर उगाए गए पौधे, अपनी ज़रूरत की अतिरिक्त धूप पाने के लिए ऊपर ओर दौड़ेंगे। ऐसे में पौधे पतले, धुरीदार हो सकते हैं जिनमें ताकत और शक्ति की कमी होती है। ऐसे पौधे अपने वजन के कारण आसानी से नीचे गिर सकते हैं, जिससे वह पर भी पौधा मर जाता है। लेकिन अगर वे धूप वाले स्थान पर प्रत्यारोपित किए जाने तक भी अगर जीवित रहते हैं, तो भी वे अक्सर पनपने में विफल रहते हैं।

लेगी पौधे अक्सर घर के अंदर बहुत जल्दी बोने का परिणाम होते हैं, जिससे रोपाई से पहले उन्हें बहुत लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। सामान्य तौर पर, अंकुरण के चार से आठ सप्ताह के बीच पौधे अपने अंतिम स्थान पर ले जाने के लिए तैयार होते हैं, इसलिए अपनी बुआई का समय इस बात को ध्यान में रखकर तय करें।

7) गलत बुआई विधि का प्रयोग करना – Using the Wrong Sowing Method

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बीजों को सीधे खुली मिट्टी में बोया जा सकता है, या बीज ट्रे या छोटे गमलों में ढककर बोना शुरू किया जा सकता है। घर के अंदर बुआई करने से स्थितियों को नियंत्रित करना आसान हो सकता है, लेकिन यह हमेशा सबसे अच्छा विकल्प नहीं होता है।

कुछ पौधे जैसे कि  जड़ वाली सब्जियां, जल्दी ही लंबी, महीन जड़ें विकसित कर लेती हैं जो बाहर रोपाई करने का समय आने पर आसानी से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। अन्य पौधे जैसे करेला बस अपने अंतिम स्थान पर बोया जाना पसंद करते हैं, यदि उन्हें प्रत्यारोपित किया जाता है तो उनके विकास की गति धीमी हो जाती है ।

हालाँकि, मिर्च जैसे अन्य पौधों को जब एक छोटे कंटेनर में बोया जाता है और फिर बड़े होने पर उन्हें बड़े गमले में लगाया जाता है, तो उनमें मजबूत जड़ विकसित हो जाती है।

बुआई की विधियों के बारे में जानने के लिए बीज पैकेट दी गयी जानकारी को फॉलो करें, और आंगे चलकर आप अनुभव के साथ अक्सर अपना रास्ता अपना सकते हैं, शुरुआती लोगों के लिए सिफारिशों पर टिके रहना सबसे अच्छा है।

8) कीट क्षति से छोटे पौधों का बचाव न करना – Not Protecting Against Pest Damage

कीटों एवं रोगों का उपचार न करना - Not Treating Pests And Diseases Of Balcony Garden Plants In Hindi 

बुआई के दौरान कई तरह की सावधानियों के बावजूद भी, बहुत सारे कीट हैं जो कुछ ही मिनटों में आपके सारे काम पर पानी फेर सकते हैं। पक्षी, घोंघे, कैटरपिलर और यहां तक ​​कि घरेलू पालतू जानवर भी कुछ ही क्षणों में बीज और अंकुरों को नष्ट कर सकते हैं, इसलिए सभी सावधानियां बरतें।

उदाहरण के लिए: पक्षियों से बचाने के लिए खुली हुई बीज क्यारियों को नेट से ढकें; स्लग और घोंघे इकट्ठा करने के लिए अपने गार्डन में प्रतिदिन घूमा करें; अभी अभी लगाये गए पौधों के लिए आपको कैटरपिलर, एफिड्स और अन्य कीटों पर नजर रखना चाहिए, क्योंकि यह निकलते ही अंकुरों को खतरा पहुंचा सकते हैं।

यदि बाहर गार्डन में बोए गए असुरक्षित बीज मिटटी से बाहर आने में देरी कर रहे हैं, तो इस बात की अच्छी संभावना है कि वे पहले ही अंकुरित हो चुके हैं, लेकिन आपके ध्यान में आने से पहले ही कीटों द्वारा नष्ट कर दिए गए हैं।

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9) ठीक से लेबल न लगाना – Not Labelling Properly

प्लांट लेबल या टैग पर क्या जानकारी होनी चाहिए - What Information Should Be On A Plant Care Label/Marker In Hindi

जब भी आप बीज बोएं तो सुनिश्चित करें कि आप गमले या पंक्ति में एक पढने योग्य, मौसमरोधी लेबल लगा दें। अंकुरण के बाद आप नहीं पहचान पाएंगे कि कौन सा पौधा किस चीज़ का है , और उदाहरण के लिए, उन्हें कितनी दूरी पर लगाना है, यह तय करते समय चीजें मुश्किल हो सकती हैं। इसके अलावा, लेबल पर बुआई की तारीख भी लिखें ताकि आपको पता चल सके कि अंकुरण में गंभीर देरी हुई है या नहीं।

हर पौधा बढ़ना चाहता है और उसे बीच से उगाना कोई रोकेट साइंस नहीं है। अक्सर बुआई के दौरान की जाने वाली गलतियां ही बीज के उगने में कठनाई पैदा करती है।

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रोग – Diseases

जब आप उपयोग की गई मिट्टी में बीज बोते हैं, चाहे बाहर हो या घर के अंदर, जान लें कि आप मिट्टी से पैदा होने वाली बीमारियों का सामना कर सकते हैं। इनमें डैम्पिंग ऑफ (damping off) भी शामिल है जो मृदा जनित कवक (soil-borne fungi) के एक रूप के कारण होता है। प्रभावित अंकुर पतले और लंबे तनों पर उगते हैं और उनकी जड़ें पर्याप्त गहराई तक नहीं जाती हैं, और वे अक्सर मिट्टी से जुड़े हिस्से से टूट जाते हैं और मर जाते हैं। एक और चीज़ जिस पर ध्यान देना चाहिए वह है जीवाणु संक्रमण जो डैम्पिंग ऑफ की तरह ही मौजूद होता है। डैम्पिंग ऑफ की तरह, वे बीज के अंकुरित होने के बाद हमला करते हैं, जिससे ऐसा लगता है कि पहले तो सब कुछ ठीक चल रहा है, लेकिन फिर कुछ हफ्तों में आपके अंकुर मर जाते हैं। मिट्टी परीक्षण यह निर्धारित कर सकता है कि गार्डन की मिट्टी में बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण मौजूद हैं या नहीं। बीज को लगाने से पहले विशेष रूप से ठंडे गीले मौसम में मिट्टी की जाँच करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

बीज अंकुरित नहीं होने का क्या कारण है?

बीजों के अंकुरित न होने का सबसे बड़ा संभावित कारण बहुत अधिक या बहुत कम पानी देना होता है।

बीजों के अंकुरण में कौन सा कारक महत्वपूर्ण नहीं है?

बीज के सफल अंकुरण के लिए मिट्टी एक आवश्यक कारक नहीं है।

बीज अंकुरण को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?

बीजों के अंकुरण को प्रभावित करने वाले सामान्य कारक पानी, सूर्य का प्रकाश, ऑक्सीजन और गर्मी की आवश्यकता होती है। बीजों के अंकुरण के लिए लगभग 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।

बीज कितने दिन में अंकुरित होता है?

वैसे तो अलग-अलग बीजों को अंकुरित होने में अलग-अलग समय लगता है, लेकिन बीजों के अंकुरित होने का औसत समय 2 सप्ताह होता है। कुछ बीजों को अंकुरित होने में 2 सप्ताह से कम, तो कुछ को अधिक समय भी लग सकता है।

अच्छे बीजों की क्या पहचान है?

बीज मिलावट युक्त, कटा हुआ या सड़ा हुआ नहीं होना चाहिए, क्योंकि कटे बीज में अंकुरण एवं पोषण क्षमता कम होती है। बीज अपने सामान्य आकर से बहुत छोटा व सुखा नहीं होना चाहिए. बीज के अंदर नमी की मात्रा पर्याप्त होनी चाहिए ताकि अंकुरण अच्छे से हो सके।

बीज अंकुरण के लिए किस प्रकार की मिट्टी सबसे अच्छी होती है?

बीज लगाने का मिश्रण (seed starting mix) कोको पीट या स्पैगनम पीट मॉस और पेर्लाइट के साथ-साथ वर्मीकम्पोस्ट खाद का मिश्रण है – जो सभी हल्के प्राकृतिक उर्वरकों के रूप में काम करते हैं जो बीजों को अंकुरित होने के लिए आदर्श स्थिति बनाने में मदद करते हैं।

बीज को जल्दी अंकुरित कैसे करें?

ज्यादा और अच्छे से अंकुरण लाने के लिए अपने बीज को लगाने से कुछ घंटे पहले से ही पानी में भिगोकर रखें। बीज जब अच्छे से भीगे हुए होते हैं तो ये आसानी से और जल्दी अंकुरित होते हैं।

किन परिस्थितियों में बीज सबसे जल्दी अंकुरित होंगे?

तापमान इष्टतम के जितना करीब होगा, अंकुरण उतनी ही तेजी से होगा। अधिकांश बीज तब अंकुरित होते हैं जब मिट्टी का तापमान 15° और 25°C के बीच होता है।

अंकुरण के लिए आवश्यक 3 शर्तें क्या हैं?

सभी बीजों को अंकुरित होने के लिए आवश्यक 3 शर्तें पानी, ऑक्सीजन और उचित तापमान की आवश्यकता होती है। कुछ बीजों को अंकुरित होने के लिए उचित प्रकाश की भी आवश्यकता होती है। कुछ पूर्ण प्रकाश में बेहतर तरीके से अंकुरित होते हैं जबकि अन्य को अंकुरित होने के लिए अंधेरे की आवश्यकता होती है।

बीज अंकुरित नहीं होने पर क्या करें?

अगर समय पर बीज अंकुरित नहीं हो रहा है तो आप मिट्टी में से कुछ बीजों को निकालकर चेक कर सकते हैं कि बीज सही है या नहीं अगर बीज स्साही है और उगने को तैयार है तो बीज को फिर से 1-2 इंच गहरा मिट्टी में दबा सकते हैं।

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