पौधों में मैग्नीशियम की कमी दूर करते हैं, ये जैविक खाद और उर्वरक!

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दोस्तों क्या आप जानते है मैग्नीशियम की कमी होने पर पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ने लगती है।

मैग्नीशियम (Mg) की अधिक कमी होने पर पत्तियों का मुड़ना भी शुरू हो सकता है।

इसके अलावा भूरे धब्बे और पौधे की वृद्धि रुक जाना भी मैग्नीशियम के विशेष लक्षण हैं।

अगर पौधों में ये सभी लक्षण दिखें तो मैग्नीशियम से भरपूर इन खाद का इस्तेमाल जरूर करें.

मैग्नीशियम के सबसे अच्छे और जैविक सोर्स के रूप में ज्यादातर एप्सम सॉल्ट का प्रयोग किया जाता है।

एप्सम सॉल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट)

पौधों में मैग्नीशियम पोषक तत्व की पूर्ति करने के लिए डोलोमाइट चूने का इस्तेमाल किया जाता है।

डोलोमाइट चूना:

यदि जैविक खाद जैसे कम्पोस्ट, वर्मीकम्पोस्ट, गोबर की खाद आदि में भी अच्छी मात्रा में मैग्नीशियम होता है।

जैविक खाद:

बोनमील, सीवीड, रॉक फॉस्फेट, लकड़ी की राख,में भी कुछ मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है।

अन्य मैग्नीशियम उर्वरक: