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Om Thakur
मानसून के बाद अपने होम गार्डन में ये काम जरुर करें !
बारिश के सीजन की शुरुआत होने पर गार्डन में पेड़-पौधे लगाने के साथ-साथ सीजन के ख़त्म हो जाने के बाद होम गार्डन की देखभाल करना भी जरूरी होता है। तो आईये जानते हैं बारिश के बाद गार्डन में कौन से काम करना चाहिए तथा मानसून के बाद पौधों की देखभाल करने के टिप्स क्या हैं?
वार्षिक पौधों को हटाएं
बरसात के सीजन में आपने जो भी फल, फूल, हर्ब्स या सब्जी के वार्षिक पौधे लगा रखें हैं, उन सभी पौधों की हार्वेस्टिंग कर लें। इसके बाद जिन वार्षिक पौधों ने ग्रोथ करना बंद कर दिया है या उनमें फल या सब्जी का उत्पादन नहीं हो रहा है तो उन्हें उखाड़ कर अलग कर दें। जिन पौधों में अभी भी पैदावार हो रही है उन्हें लगा रहने दें।
मिट्टी की गुड़ाई करें
मानसून का सीजन ख़त्म हो गया है और आपने वार्षिक पौधों को गार्डन से हटा दिया है, तो अब आपको मिट्टी को तैयार करना चाहिए, ताकि उनमें नए पौधे लगाये जा सकें।
ग्रो बैग के ड्रेन होल चेक करें
मानसून के बाद होम गार्डन के गमलों की जांच करें, यदि उनका ड्रेनेज होल (जल निकासी वाला छेद) मिट्टी से बंद हो गया हो, तो पेंचकस की मदद से मिट्टी को निकाल दें। ड्रेनेज होल बंद होने से गमले में पानी भरा रह सकता है, जो कि पौधों के लिए नुकसानदायक होता है।
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खरपतवारों को हटाएं
खरपतवार मिट्टी में से पोषक तत्वों को लेने लगती हैं और इस तरह इनके कारण मुख्य पौधे की ग्रोथ रुक जाती है या धीमी हो जाती है। यदि मानसून के बाद आपके होम गार्डन में लगे पौधों की मिट्टी में खरपतवार उगी दिखाई दे, तो उन्हें तुरंत हाथ से उखाड़ कर अलग कर दें।
पौधे की जड़ों की जांच करें
मानसून का सीजन खत्म होने के बाद पौधों की मिट्टी को चेक करें, यदि तेज बारिश के कारण पौधे की जड़ें मिट्टी के ऊपर आ गयी हों, तो उन्हें मिट्टी से ढकना जरूरी होता है। यदि जड़ों को नहीं ढका गया, तो वे सूख सकती हैं और इससे पौधा भी मुरझा सकता है।
पौधों की प्रूनिंग करें
पोस्ट मानसून सीजन पौधों की प्रूनिंग करने का सबसे सही समय होता है। क्योंकि मानसून में तेज लगातार बारिश और आंधी-तूफ़ान के कारण पौधों के लम्बे तने झुक जाते हैं और टूट जाते हैं। अतः बारिश के बाद अक्टूबर-नवम्बर के महीने में पौधों की सूखी, मुरझाई हुई शाखाओं तथा टूटे हुए तने को प्रून कर देना चाहिए।
पौधों को रिपॉट करें
यदि मानसून के बाद गमलों में लगे पौधों की मिट्टी में फंगस या काई लग गयी हो और पौधों कि पत्तियां पीली पड़ रहीं हों, उसकी ग्रोथ रुक गयी हो, तो ऐसे में पौधे को रिपॉट करना सही रहता है। नई फ्रेश पॉटिंग मिक्स में पौधे को रिपॉट करने से वह फिर से हेल्दी हो जाता है और ग्रोथ करने लगता है।
उर्वरकों का इस्तेमाल
बारिश के कारण मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्व पानी में बह जाते हैं, इसीलिए मानसून ख़त्म होने के बाद पौधों की ग्रोथ को बरकरार रखने के लिए उनमें खाद या अन्य उर्वरकों को डालना जरूरी होता है।
नई मल्चिंग करें
बारिश से पहले पौधों की मिट्टी के ऊपर बिछाई गयी मल्चिंग यानि घास, या पत्तों को हटा दें। और नई घास, पुआल या पत्तों से पौधों की फिर से मल्चिंग कर दें। मल्चिंग करने से बारहमासी पौधों की मिट्टी ठंड के समय भी थोड़ी गर्म बनी रहती है।
ग्रीन नेट हटाएं
यदि आपने तेज बारिश से पौधों को बचाने के लिए पौधों के ऊपर ग्रीन नेट से छाया की थी, तो उस ग्रीन नेट को अब अलग कर सकते हैं, ताकि पौधों को पर्याप्त धूप मिल सके।
कीट नियंत्रण करें
यदि बारहमासी पौधों पर कीट लग गए हों, तो आप उन पर नीम तेल कीटनाशक का छिडकाव कर सकते हैं। बड़े कीटों जैसे स्लग और केटरपिलर को हाथ या चिमटी से अलग कर सकते हैं। पौधों पर पानी की तेज धार चलाकर भी छोटे कीटों जैसे एफिड्स को दूर किया जा सकता है।