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Om Thakur

कई खतरनाक बीमारियों का रामबाण इलाज है गिलोय, जाने घर पर कैसे उगाये?

गिलोय अमृता अर्थात कभी न सूखने वाली लता है, इसका तना देखने में रस्सी जैसा लगता है और पत्तियाँ पान की तरह लगती हैं। आयुर्वेद में इस चमत्कारी जड़ी बूटी को खतरनाक से खतरनाक बिमारियों के लिए एक रामबाण इलाज बताया है, यह जिस पेड़ पर चढ़ती है उस वृक्ष के गुणों को भी अपने में समाहित कर लेती है, इसलिए नीम चढ़ी गिलोय को सर्वश्रेष्ट माना गया है।

गिलोय क्या है?

गिलोय एक औषधीय जड़ी-बूटी है जो मेनिस्पर्मेसी फैमिली से संबंधित है, इसका वैज्ञानिक नाम टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया है। गिलोय एक तरह की बेल होती है जिसमे पान की तरह पत्ते लगे होते हैं, ये पत्ते स्वाद में कड़वे, कसैले ओर तीखे होते हैं। इसको अमृत बेल, गुलबेल, गुडूची, इंडियन टिनोस्पोरा तथा मूनसीड आदि नामों से भी जाना जाता है।

चरक संहिता के अनुसार गिलोय कड़वे स्वाद वाली प्रमुख जड़ी-बूटियों में से एक है, इसका उपयोग विभिन्न विकारों में किया जाता है और यह वात और कफ दोष को कम करने में भी मदद करता है। यह हर्ब डायबिटीज, लीवर डिसऑर्डर, ट्यूबरक्लोसिस, पीलिया, आर्थराइटिस जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए एक रामबाण इलाज है।

गिलोय के हेल्थ बेनिफिट

 गिलोय उगाने की आवश्यक सामग्री

उत्तम क्वालिटी के बीज या कलम

पॉटिंग मिक्स मिट्टी

सीडलिंग ट्रे एवं ग्रो बैग

फ़र्टिलाइज़र

गार्डनिंग टूल्स

ग्रो बैग में मिट्टी को भरें एवं बीज बोयें

आप घर पर ही बढ़िया उर्वरता वाली मिट्टी तैयार कर सकते हैं, इसके लिए 50% सामान्य मिट्टी, 30% वर्मी कम्पोस्ट, 10% रेत और 10% कोकोपीट के मिश्रण को अच्छे से मिला कर मिश्रण बनायें, फिर इस पोटिंग साइल को 15x15 इंच के HDPE ग्रो बैग में भर कर, गिलोय के बीजों को लगभग ¼ से ½ इंच की गहराई में बोयें और नमी के लिए पानी दें, फिर 8 से १0 दिनों में ये सीड जर्मीनेट हो जायेगे।

 पानी और धूप

गिलोय को पानी तभी दें जब मिट्टी सूखी दिखाई दे, इस तरह से मिट्टी में नमी बनाये रखने के लिए उचित मात्रा में पानी सुबह और शाम के समय ही दें। इसके अलावा गिलोय बेल पूर्ण सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में तेजी से बढ़ती है, लेकिन गर्मियों के समय इसे दोपहर की धूप से बचाना चाहिए।

आर्गेनिक फ़र्टिलाइज़र एवं कीट या रोग

गिलोय के बीजों के अंकुरण के समय PGP लिक्विड फ़र्टिलाइज़र, पौधे की ग्रोथ के लिए नीम केक एवं गोबर खाद का उपयोग करें। इसके अलावा गिलोय के पौधे बहुत कठोर तथा अधिकांश कीटों और रोगों के लिए प्रतिरोधी होते हैं। इसलिए आपको कोई विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन अगर मिट्टी लगातार गीली हो तो जड़ सड़न एक समस्या हो सकती है।

हार्वेस्ट टाइम

गिलोय के पौधे का सबसे उपयोगी भाग तना होता है, हालांकि इसकी पत्तियों और जड़ों का भी अधिकांशतः उपयोग किया जाता है। गिलोय के तनों की कटाई आप साल के किसी भी समय तब कर सकते हैं, जब तना लगभग एक इंच मोटा हो। आप गिलोय के कटे हुए तनों के छोटे-छोटे टुकड़े कर उन्हें सुखा कर ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर कर सकते हैं।

गार्डनिंग टूल्स

बागवानी करने के लिए गार्डनिंग टूल्स का उपयोग अवश्य करें, इससे बुआई से लेकर हार्वेस्टिंग तक का कार्य आसानी से पूर्ण हो जाता है और गार्डनिंग के दौरान आप पूरी तरह से सुरक्षित भी रहते हैं। बेस्ट क्वालिटी के गार्डनिंग टूल्स खरीदने के लिए नीचे दी गयी लिंक पर क्लिक जरूर करें।

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