www.organicbazar.net

Om Thakur

अश्वगंधा हर्बल प्लांट की केयर कैसे करें?

अश्वगंधा आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है, जिसका उपयोग कई रोगों में लाभकारी तो होता ही है, साथ ही यह गार्डन में लगे हुए पौधों के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। लेकिन यदि इस चमत्कारी हर्बल प्लांट की सही तरह से केयर न की जाये तो, यह इस प्लांट के लिए नुकसानदायक हो सकता है। तो आइये जानते हैं इस हर्ब प्लांट की केयर कैसे करें:

अच्छी मिटटी लें !

अश्वगंधा या इंडियन जिनसेंग के बीज बोने से पहले बढियां मिटटी तैयार की जाती है, इसके लिए आप 50% मिटटी, 30% गोबर खाद, 10% रेत एवं 10% नीम केक के मिश्रण से अच्छी पोटिंग साइल तैयार कर सकते हैं।

समय पर उचित खाद दें !

अश्वगंधा प्लांट को अधिक खाद की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन पौधे की अच्छी वृद्धि के लिए जैविक खाद का प्रयोग कर सकते हैं। इसके बीजों के अंकुरण के बाद जब पौधा 4 से 5 इंच का हो जाये तब PGP लिक्विड फ़र्टिलाइज़र दें एवं पौधा बड़ा होने पर अच्छी ग्रोथ के लिए वर्मी कम्पोस्ट एवं मस्टर्ड केक फ़र्टिलाइज़र का उपयोग करें।

उचित समय पर पानी दें !

जब मिट्टी सूखी दिखे, तो मिट्टी में नमी बनाये रखने के लिए प्लांट को उचित मात्रा में पानी अवश्य दें, लेकिन ओवर वाटरिंग से बचे।

ओवरविन्टरिंग

यदि आप अश्वगंधा के पौधे को ठंडी जलवायु में उगा रहे हैं, तो इसे घर के अंदर रखें। ठंड के मौसम में अश्वगंधा के पौधे को 10-15 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक तापमान पर रखना चाहिए, जिससे पौधे का विकास सही तरीके से हो सके।

उचित सूर्यप्रकाश एवं तापमान

अश्वगंधा के पौधे के लिए मध्यम सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है, इसलिए इस पौधे को वर्षा ऋतु की शुरुआत में लगाया जाता है। इस पौधे को 5 से 6 घंटे की धूप पर्याप्त होती है एवं अश्वगंधा के पौधे को ठीक तरह से वृद्धि करने के लिए 20 से 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान आदर्श माना जाता है,

प्रूनिंग का रखें ध्यान

अश्वगंधा हर्बल प्लांट के पौधे की वृद्धि और विकास को नियंत्रित करने के लिए प्रूनिंग आवश्यक होती है। 

कीटों एवं रोगों से बचाव ! 

कुछ कीट पौधे की वृद्धि को प्रभावित कर सकते हैं। इससे बचने के लिए अश्वगंधा के पौधे में समय-समय पर नीम के तेल का छिड़काव करते रहना चाहिए। इसके अलावा मिट्टी की उचित जल निकासी होने से भी पौधे पर बीमारियों का प्रभाव कम पड़ता है।

खरपतवार नियंत्रण !

हर्बल प्लांट अश्वगंधा के पौधे के आस-पास खरपतवार उग जाती है, जिससे पौधों को हानि पहुँचाने वाले कीट यहाँ पर छिप सकते हैं। अतः इस समय उगने वाली खरपतवार को खुरपा या वीडिंग टूल्स की मदद से निकाल दें।

अगर आपको इस स्टोरी में दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो स्टोरी को शेयर जरुर करें एवं गार्डनिंग प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन खरीदने के लिए भारत का बेस्ट गार्डनिंग प्रोडक्ट्स ई-कॉमर्स प्लेटफार्म OrganicBazar.Net को विजिट जरुर करें।