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Om Thakur

टिंडा के पौधे की देखभाल कैंसे करें?

टिंडा के पौधे की बेहतर ग्रोथ के लिए अच्छी खासी देखभाल की आवश्यकता होती है, किसी भी प्लांट की केयर करने से उसका बेहतर विकास एवं अधिक उत्पादन होता है। आइये जानते हैं टिंडा के पौधे के लिए जरुरी केयर टिप्स:

मिटटी तैयार करें !

टिंडा के बीज बोने से पहले मिटटी तैयार की जाती है, इसके लिए आप 50% मिटटी, 40% गोबर खाद एवं 10% मस्टर्ड केक के मिश्रण से बढ़िया पोटिंग साइल तैयार कर सकते हैं।

समय पर पानी दें !

टिंडा के पौधे को समय पर पर्याप्त मात्रा में पानी देना चाहिए। पानी देने के लिए आप वाटरिंग कैन का प्रयोग कर सकते हैं। ओवर वाटरिंग से पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं, अतः अधिक पानी देने से बचें।

उचित खाद दें !

आप टिंडा या एप्पल गार्ड के पौधों में तेजी से विकास के लिए जैविक उर्वरक जैसे-प्रोम उर्वरक, प्लांट ग्रोथ प्रमोटर खाद, वर्मीकम्पोस्ट, मस्टर्ड केक, नीम केक, आर्गेनिक बोन मील, गोबर की खाद आदि का उपयोग समय पर और उचित मात्रा में करें।

उचित सूर्यप्रकाश एवं तापमान

ठीक से बढ़ने के लिए टिंडा को पूर्ण सूर्य प्रकाश की जरूरत होती है, आमतौर पर इसे 6 से 8 घंटे की धूप आवश्यक होती है। इनको ग्रो करने के लिए आदर्श तापमान 18°C से 32°C होता है।

मल्चिंग करें

मल्चिंग की क्रिया में सूखी घास और पेड़-पौधों के पत्तों का उपयोग करके, गमले या ग्रो बैग की मिट्टी की ऊपरी सतह पर लगभग 1 से 2 इंच की परत बनायी जाती है। मल्चिंग से तापमान एवं खरपतवार को नियंत्रित किया जा सकता है।

कीट एवं रोग नियंत्रण का करें उपाय

टिंडा के पौधे को कीट और बीमारियां प्रभावित कर सकती हैं। इन कीटों एवं रोगों से पौधे को बचाने के लिए नीम तेल का प्रयोग कर सकते हैं।

खरपतवार को हटायें

वीड्स या खरपतवार अनावश्यक पौधे होते हैं, जो किसी भी सब्जी या फसल के बीच ऊग आते हैं। इनके कारण सब्जियों में रोग एवं कीड़े लग जाते हैं। पौधे के पास से इन खरपतवारों को समय-समय पर निकालते रहना चाहिए।