samiksha tiwari
www.organicbazar.net
आलू भारतीय घरों में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली सब्जी है। आलू में कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। पारंपरिक रूप से किसान खेतों में आलू उगाते हैं। लेकिन आलू किसी भी कंटेनर जैसे बड़े गमले, ड्रम, बाल्टियों, बक्सों, ग्रो बैग या बोरी आदि में आसानी से उग सकते हैं।
आलू खुद बीज होते हैं जिनमें आलू के कंद में गांठों से अंकुर या कलियां निकलती हैं।
आलू लगभग 45° से 55°F (या 10° से 13°C) के बीच ठंडी, अच्छी जल निकासी वाली, ढीली मिट्टी में सबसे अच्छी तरह उगते हैं।
आलू उगाने के लिए ऐसे स्थान का चयन करें जहाँ प्रतिदिन कम से कम 6 घंटे की धूप आती हो ।
आलू के प्रत्येक कंद को कई सेक्शन में काट ले। हर एक सेक्शन लगभग एक इंच मोटा हो और उसमे कम से कम एक आंख हो। कटे हुए आलू को बोने से पहले 24-48 घंटे के लिए छोड़ दें।
ग्रो बैग के 1/2 भाग को अच्छी पॉटिंग मिट्टी से भरें। अब कटे हुए आलू के हिस्से को मिट्टी के ऊपर रखें और उन्हें 3 से 4 इंच मिट्टी से ढक दें।
आलू के पौधे को पर्याप्त पानी की जरूरत होती है। इसलिए आलू को हर हफ्ते पानी देना चाहिए।
गमले में आलू रोपने से 20 दिनों के बाद आपको कोई भी ऐसी जैविक खाद डालनी चाहिए, जो कैल्शियम और पोटेशियम से भरपूर हो।
लगभग 100 से 130 दिन में आलू की फसल आमतौर पर तैयार हो जाती है, अतः जब पत्तियां सूख जाएं, तो आलू मिट्टी से निकालने के लिए तैयार हो जाते हैं।
अगर आपको इस स्टोरी में दी गयी जानकारी अच्छी लगी हो तो स्टोरी को शेयर करें एवं ऑनलाइन गार्डनिंग प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए भारत की बेस्ट गार्डनिंग ई -कॉमर्स प्लेटफार्म Www.OrganicBazar.Net पर विजिट करें !