by samiksha tiwari
अगर आप अपने बगीचे में पौधे लगाने के शौकीन हैं तो आपको पौधों को उनके बढ़ने की स्थिति की पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही लगाना चाहिए, आपने देखा होगा कि कुछ पौधों की पूरी देखभाल करने के बाद भी वे नहीं बढ़ते हैं, इसका कारण हो सकता है उन्हें अधिक धूप की जरूरत है लेकिन आपने उन्हें छाया में लगाया हों। आज हम ऐसे ही कुछ पौधों के बारे में जानेंगे जिन्हें कभी भी छाया में नहीं लगाना चाहिए।
लैवेंडर एक हर्बल पौधा है जिसे छाया में उगाया जा सकता है, लेकिन इसे पनपने के लिए धूप की जरूरत होती है। बहुत अधिक छाया वाले क्षेत्रों में लैवेंडर के पौधे उगाने से उनकी वृद्धि और फूलों की संख्या प्रभावित हो सकती है।
लैवेंडर
गेंदे के फूल बहुत गर्म तापमान को भी सहन कर लेते हैं, उन्हें पूरी तरह से बढ़ने के लिए धूप की जरूरत होती है।
गेंदे का फूल
पेटुनिया सूरज की रोशनी में तेजी से बढ़ता है, अगर आप इसे छाया में उगाते हैं तो इसके फूलों की संख्या पर प्रभाव पढ़ सकता है और उसमें आपको कई प्रकार के रोग जैसे फंगस, कीटाणु और संक्रमण हो सकता है।
पेटुनिया
कोनफ्लॉवर के पौधों को पनपने के लिए पूर्ण सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है। कोनफ्लॉवर गर्मियों में सुंदर नीले, गुलाबी, सफेद और बैंगनी फूलों के साथ खिलते हैं जो मधुमक्खियों और तितलियों जैसे परागणकों को आकर्षित करते हैं।
कोनफ्लॉवर
गुड़हल के फूल देखने में बहुत सुंदर और बहुत सुगंधित होते हैं। वे लाल, गुलाबी, पीले, सफेद और बैंगनी सहित कई रंगों में आते हैं। हिबिस्कस को पूर्ण सूर्य की आवश्यकता होती है, छाया में गुड़हल के पौधे को लगाने से बचें।
गुड़हल
एग्रेटम यह एक वार्षिक फूल वाला पौधा है जिसकी सुंदर झालर वाली पंखुड़ियाँ हैं जो पूरे वर्ष खिलती हैं यह आपके बगीचे में परागणकों को आकर्षित करने में भी मदद करती हैं।
एग्रेटम
विंका उन फूलों में से एक है जिसे आप भारत के हर घर में पाएंगे, इसे पूरी धूप की जरूरत होती है, अगर आप इसे छाया में लगाते हैं, तो इसमें खिलने वाले फूल बहुत छोटे हो सकते हैं।
विंका