by samiksha tiwari

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यदि आपको भी गार्डनिंग करना पसंद है तो आपने भी कभी न कभी एफिड्स, स्पाइडर माइट्स और व्हाइट फ्लाई जैसे कीटों का प्रकोप गार्डन में लगे पौधों पर देखा ही होगा और यह बात आपके दिमाग में जरूर आई होगी कि इनसे निजात पाने के लिए हमें क्या करना चाहिए। आज हम आपको इसी समस्या का समाधान बता रहे हैं, जिन्हें एक बार फॉलो कर लिया तो आपका भी होगा एक कीट मुक्त (पेस्ट फ्री) गार्डन।

पौधों की नियमित रूप से जाँच करना:

होम गार्डन या टैरेस गार्डन में लगे पौधों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय है कि पौधों की नियमित जांच की जाए। यदि जांच के दौरान पौधे की पत्तियों पर कीट संक्रमण देखा जाता है, तो पत्तियों पर नीम तेल या जैविक पेस्टिसाइड का छिड़काव करें।

रोग प्रतिरोधी किस्मों को चुने:

यदि आप अपने टेरेस गार्डन में किसी पौधे को उगाने जा रहे हैं, तो पौधे के बीज खरीदने से पहले यह ध्यान रखें, कि वह प्रतिरोधी किस्म के होने चाहिए, जिससे कि उन पर किसी रोग या बीमारी का प्रभाव जल्दी न हो।

नीम तेल का छिड़काव : 

कीट नियंत्रण के लिए आप सबसे प्रभावी और प्राकृतिक तरीको में नीम के तेल का उपयोग कर सकते हैं। इसके उपयोग से एफिड्स, स्पाइडर माइट्स और व्हाइटफ्लाई जैसे कई कीटों से गार्डन के पौधों को बचाया जा सकता हैं।

स्टिकी ट्रैप का उपयोग: 

यदि आप गार्डन में किसी भी प्रकार के कीटनाशक का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो आप स्टिकी ट्रैप का उपयोग करें। यह एक चिपचिपे पदार्थ युक्त कागज़ है जो की गार्डन में हो रहे कीटो को नियंत्रण करने में मदद करता हैं। 

गार्डन के पौधों की उचित देखभाल करें:

गार्डन में लगे पौधों को रोगों से दूर रखने के लिए, आपको पौधों की उचित देखभाल करनी होगी। देखभाल के दौरान आप प्रूनिंग, मल्चिंग तथा समय-समय पर उर्वरक दे सकते हैं। 

गार्डन में साफ सफाई बनाये रखें: 

गार्डन के पौधों को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, अपने गार्डन में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना। गार्डन में गिरी हुई पत्तियां, मलवा और खरपतवार को गार्डन से हटा कर नष्ट कर देना चाहिए।

कम्पेनियन प्लांट्स लगाना:

कुछ रोग एफिड्स, थ्रिप्स जैसे अन्य कीटों के माध्यम से फैलते हैं, अतः इन रोगों के संक्रमण को कम करने के लिए गार्डन में साथी पौधों जैसे तुलसी, पुदीना और रोजमेरी  को लगाना चाहिए, जिससे गार्डन के सभी पौधे रोगमुक्त रहें।

मिट्टी सूखने पर पानी दें:

गार्डन के पौधों को मिट्टी के सूखने पर ही पानी देना चाहिए, क्योंकि अधिकांश कीट और बीमारियाँ जैसे एफिड्स, रूट रॉट, क्राउन रॉट आदि पौधों में नमी की अधिकता के कारण फैलती हैं इसलिए ओवरवाटरिंग न करें।

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