by samiksha tiwari
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भारत के लोग तुलसी के पौधे को पूजनीय मानते हैं। तुलसी का पौधा आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है और कई बीमारियों के इलाज में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कभी-कभी घर में लगे तुलसी के पौधे अचानक सूखने लगते हैं या पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। लोग इन समस्याओं को नकारात्मक विचारों से जोड़ देते हैं, लेकिन तुलसी की पत्तियों के पीले होने के कई कारण हो सकते हैं। आइए, आपको उन कारणों के बारे में बताते हैं।
गमले में लगे तुलसी के पौधे में अत्यधिक पानी देने से जड़ सड़न और पोषक तत्वों में कमी हो सकती है जिसके कारण पत्तियां पीली हो जाती हैं इसलिए पौधे को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगाना सुनिश्चित करें।
तुलसी के स्वस्थ विकास के लिए रोजाना कम से कम 6-8 घंटे सीधी धूप की आवश्यकता होती है। पर्याप्त धूप न मिलने पर उनकी पत्तियां पीली पड़ सकती हैं।
तुलसी की पीली पत्तियां नाइट्रोजन, आयरन या मैग्नीशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी का संकेत दे सकती हैं। पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए गर्मियों में आप संतुलित उर्वरक जैसे लिक्विड सीवीड और बायो एनपीके दे सकते हैं।
तुलसी का पौधा 70-90°F (21-32°C) के बीच गर्म तापमान पसंद करता है। ज्यादा गर्मी या ठंड से पौधे को तनाव हो सकता हैं जिससे उनकी पत्तियां पीली पड़ सकती हैं। गर्मियों में आप ग्रीन शेड नेट का उपयोग कर तापमान को नियंत्रित रख सकते हैं।
कीट या रोग:
कुछ कीट जैसे एफिड्स, व्हाइटफ़्लाइज़ और फंगल इनफ़ेक्शन जैसे रोग तुलसी के पत्तों के पीले होने का कारण बन सकते हैं। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पौधे की जाँच करें और कीट नियंत्रित के लिए जैविक कीटनाशक (नीम तेल) का छिड़काव करें।
गलत तरीके और अत्यधिक तुलसी की प्रूनिंग करने से पौधे को तनाव हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप पत्तियां पीली हो जाती हैं और पौधे पूरी तरह से सूख जाते हैं।
जैसे ही तुलसी के पौधे परिपक्व होते हैं, पुराने पत्ते प्राकृतिक रूप से पीले पड़ जाते हैं और झड़ जाते हैं। यह पौधे के जीवन चक्र का एक सामान्य हिस्सा है। पत्तियों के पीले होने की चिंता करने के बजाय उनके स्वास्थ्य को बनाए रखने पर ध्यान दें।