by samiksha tiwari
"जानिए आपका गार्डन किन
कीटों और रोगों से हो सकता है
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खतरे में:!
पौधे विभिन्न कीटों और रोगों के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं, जो उनके स्वास्थ्य और विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। आज हम आपको उन्ही कीटों और रोगों के बारे में बताएँगे, जिससे आप समय रहते अपने पौधों को प्रभावित होने से बचा पाएंगे और उनकी जल्दी पहचान कर सही तरीके से उपचार कर पाएंगे।
एफिड्स छोटे, आकार के कीड़े होते हैं जो पौधे से रस चूसते हैं, जिससे पौधे का विकास रुक जाता है और पत्तियां पीली हो जाती हैं। इनसे बचने के लिए आप कीटनाशक साबुन या नीम के तेल का उपयोग करके इन्हें नियंत्रित कर सकते हैं।
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घोंघे और स्लग पौधे की पत्तियों को खाने वाले कीट हैं जिससे पत्तियों पर छेद और कीचड़ के निशान दिखाई देते हैं। आप इन्हें हाथों से चुनकर या एप्सम साल्ट का उपयोग करके पौधों को इनके प्रभाव से बचा सकते हैं।
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व्हाइटफ्लाई छोटी-छोटी सफेद रंग की मक्खियां होती हैं, जो पौधों के रस को चूसती हैं और पौधों में फंगस को फैलाती हैं, जिससे पत्तियां पीली और मुरझा जाती हैं। इन्हें रोकने के लिए आप कीटनाशक साबुन का प्रयोग कर सकते हैं।
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स्पाइडर माइट्स छोटे लाल रंग के कीड़े होते हैं, जिन्हें सीधे देख पाना मुश्किल होता है। यह कीट पौधे पर एक जाले का निर्माण करते हैं, जिसके प्रभाव से पत्तियां समय से पहले गिरने लगती हैं।
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यह छोटी-छोटी इल्लियाँ होती हैं, जो वयस्क होकर तितलियों और पतंगों का रूप ले लेती हैं। कैटरपिलर पौधे की पत्तियों और फूलों को खाते हैं, जिससे पौधे को नुकसान होता है।
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स्केल्स छोटे-छोटे कीट पौधों के तनों और पत्तियों पर पाए जाते हैं और उनका रस चूसते हैं। यह कीट पौधे में पीलेपन, मुरझाने और अंततः पौधे की मृत्यु का कारण बन सकते हैं।
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यह एक सामान्य बागवानी में पाए जाने वाले कीट हैं। हालांकि, यह कीट कभी-कभी बागवानी के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन अधिक संख्या में होने के कारण इनके प्रभाव से पौधों को क्षति हो सकती है।
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फफूंद जनित रोग जैसे रूट रोट और लीफ स्पॉट पौधों में होने वाली आम बीमारियाँ हैं। इन रोगो के होने से पत्तियों, तनों या जड़ों पर अक्सर फीके रंग के धब्बे देखे जा सकते हैं। इससे बचने के लिए पौधों की नियमित सफाई का विशेष ध्यान रखें।
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