Varsha Choudhary
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लिली एक एवरग्रीन फ्लावर प्लांट है, जिसकी हरे रंग की पत्तियों के बीच लम्बी पंखुड़ियों वाले खुशबूदार फूल खिलते हैं। लिली का पौधा हवा शुद्ध करता है, साथ ही इसे पवित्रता का प्रतीक भी माना जाता है। इस खूबसूरत पौधे को सर्वाइव करने के लिए ज्यादा लाइट और पानी की आवश्यकता नहीं होती है, इसीलिए आप इसे गमले में इनडोर या आउटडोर आसानी से लगा सकते हैं।
गमला या ग्रो बैग
पॉटिंग सॉइल
अच्छी क्वालिटी के लिली सीड्स या बल्ब
फर्टिलाइजर
गार्डनिंग टूल्स
लिली प्लांट के बल्ब को लगाने के लिए 12 x 12 इंच के आकार वाला गमला सबसे बेस्ट होता है जिसमें आप एक साथ 3 लिली बल्ब लगा सकते हैं। इसके अलावा गमले में ड्रेनेज होल्स होने चाहिए।
आमतौर पर लिली का पौधा साधारण मिट्टी में भी उगाया जा सकता है, लेकिन यह पौधा बेहतर जल निकासी और उचित वायु प्रवाह वाली मिट्टी में उगना पसंद करता है। इसके लिए आप रेडीमेड पॉटिंग सॉइल को भी खरीद सकते हैं।
लिली फ्लावर प्लांट को बीज की अपेक्षा बल्ब से उगने में कम समय लगता है, इसलिए बेहतर तथा जल्दी फ्लावरिंग के लिए आप लिली प्लांट को बल्ब द्वारा आसानी से ग्रो कर सकते हैं। लिली बल्ब लगाने का सबसे अच्छा समय पतझड़ से वसंत ऋतु अर्थात सितंबर से अप्रैल महीने के बीच का होता है।
लिली बल्ब लगाने के लिए सबसे पहले गमले की मिट्टी को थोड़ा नम करें और लगभग 2-3 इंच की गहराई पर लिली बल्ब लगायें, बल्ब लगाने के बाद गमले में पर्याप्त पानी दें और गमले को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ 6-8 घंटे की अप्रत्यक्ष धूप आती हो, उचित तापमान पर लिली के बल्ब लगभग 21 से 45 दिन में पौधे में परिवर्तित हो जाते हैं।
लिली प्लांट के पौधे को केवल तब पानी दें जब गमले की मिट्टी सूखी हुई दिखे, अधिक समय तक गीली मिट्टी में रहने से पौधा खराब हो सकता है। इसके अलावा लिली प्लांट को अप्रत्यक्ष धूप वाले स्थान में रखें और फ्लावरिंग टाइम पर आप इसे प्रति दो सप्ताह के अंतराल से जैविक खाद जैसे- मस्टर्ड केक, रॉक फास्फेट आदि दे सकते हैं।
लिली के पौधे में फूल खिलने का समय किस्मों के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। कुछ किस्में 3 से 4 महीने में फूल देना शुरू कर देती हैं तथा कुछ में 1 साल या उससे अधिक समय भी लग सकता है लेकिन इसकी सुन्दर पत्तियां फूलों की कमी महसूस नहीं होने देतीं।