गमलों में शलजम उगाना होगा आसान, बस आज़माएं ये प्रो टिप्स!

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शलजम ठंडे मौसम की जड़ वाली सब्जियां हैं जो अपने पोषण समृद्धि के लिए जानी जाती हैं। 

शलजम विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो उन्हें आपके गार्डन में शामिल करने लायक बनता हैं।

घर पर कंटेनरों में शलजम उगाने का मतलब सिर्फ बीज बोना नहीं है, बल्कि यह एक रोमांचक यात्रा भी है।

शलजम कब लगाएं:

भारत में, शलजम लगाने का सबसे अच्छा समय बसंत, पतझड़ (पतझड़) और सर्दी जैसे ठंडे मौसम में होता है।

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सही किस्म का चयन:

 शलजम की कई किस्में हैं जैसे बैंगनी शलजम, शलजम सफेद, शलजम लाल आदि उगा सकते हैं। 

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गमले:

आपको शलजम के बीज लगाने के लिए अतिरिक्त जल निकासी वाले गमले या ग्रो बैग का उपयोग करना चाहिए।

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शलजम के लिए मिट्टी:

शलजम उगाने के लिए 6.0 से 6.5 पीएच मान वाली अम्लीय मिट्टी उचित होती है।

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बीजो की गहराई: 

गमले में दो बीजों को एक दूसरे से 6-10 इंच की दूरी पर और मिट्टी में लगभग 0.5 इंच की गहराई में लगाएं।

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पानी देना:

बढ़ते मौसम के दौरान नियमित रूप से पानी दें और सुनिश्चित करें कि मिट्टी सूख न जाए, खासकर पहले कुछ दिनों में।

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सूरज की रोशनी:

सुनिश्चित करें कि आपके शलजम के पौधों को उचित धूप मिले, अपर्याप्त रोशनी के कारण जड़ें छोटी हो सकती हैं।

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खाद डालना:

शलजम लगाते समय गमले की मिट्टी में जैविक खाद जैसे वर्मीकम्पोस्ट, गोबर खाद या नीम की खली मिलाएं।

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बीमारियों से बचाव:

शलजम के सामान्य कीटों और बीमारियों पर नज़र रखें, कीटों को नियंत्रित करने के लिए नीम तेल का उपयोग करें। 

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