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by samiksha tiwari
के रोग और उनके
कीट बेल वाली सब्जियों और अन्य पौधे की पत्तियों, शाखाओं, तनों व फल इत्यादि को प्रभावित कर आपके पौधे को विभिन्न प्रकार से नुकसान पहुंचाते हैं। गार्डन के पौधों में लगने वाले कीड़ों को रोकने के लिए आप इन तरीकों को अपनाकर हानिकारक कीटों से गमले में लगे बेल वाली सब्जियों की सुरक्षा कर सकते हैं।
कीड़ों से पौधों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए आप इनमें कीटनाशकों या होममेड पेस्टीसाइड का इस्तेमाल कर सकते हैं,इसके लिए नीम तेल स्प्रे व्हाइटफ्लाई या सफेद मक्खी को गार्डन के पौधों से दूर करने के लिए आप स्टिकी ट्रैप का उपयोग करे।
स्कैब एक बेल में लगने वाली प्रमुख बीमारी है। पौधे अगर स्कैब से प्रभवित है तो फलों को काटकर तुरंत नष्ट कर दें गार्डन की सफाई करे।
बैक्टीरियल विल्ट रोग से प्रभावित बेल की पत्तियां सूखना शुरू होती है और पौधा मार जाता है। इसलिए पौधे की नियमित जाँच करे।
एन्थ्रेक्नोज एक कवक रोग है। एन्थ्रेक्नोज रोग से प्रभावित तना, पत्तियों व फलों को तुरंत हटायें तथा पत्तियों को गीला न होने दें।
एंगुलर लीफ स्पॉट बेल या लताओं में लगने वाली बैक्टीरियल रोग है जो गीलेपन के कारण फैलता है। कोशिश करे पौधे की पत्तिया सुखी रहे।
फुसैरियम विल्ट (फ्यूजेरियम) एक प्रकार का कवक रोग है। इस रोग बचाने के लिए पौधों को 6.0-7.0 पीएच मान वाली मिट्टी में लगाना चाहिए।
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