इन बातों का रखेंगें ध्यान, तो बारिश में भी
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by samiksha tiwari
वैसे आपने भी बारिश से बचने और मौज-मस्ती के लिए गर्म-गर्म पकौड़े, रेनकोट और छाते तैयार कर ही लिए होंगे, लेकिन आपने अपने गार्डन में लगे पौधे के बारे में क्या सोचा है?
बारिश के दौरान पौधों की ग्रोथ प्राकृतिक तरीके से होती है और कई अनजाने पौधे हमारे गार्डन में उगने लगते हैं।
अगर बारिश के मौसम में गार्डन की ठीक से देखभाल न की जाए तो यह हरियाली के साथ-साथ कई हानिकारक कीट और बीमारियाँ भी लाता है और पौधों को खराब कर सकता है।
लेकिन अगर आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो आप अपने घर के गार्डन को खूबसूरत बनायें रख सकते हैं।
गार्डन को साफ-सुथरा रखने के लिए बारिश शुरू होने से पहले पौधे के नीचे वाली सूखी और मृत पत्तियों की छंटाई कर देनी चाहिए।
बारिश के मौसम में आप गमले की मिट्टी में गोबर की खाद मिलाकर भर दे और कोशिश करें की गमला ऊपर तक भरा हो।
मानसून के दौरान पौधों पर कई कीटो का हमला हो सकता है, इसलिए 10 से 15 दिनों के बीच आप गार्डन के सभी पौधों पर नीम तेल का छिड़काव करें।
इस मौसम में आप गमलों को डायरेक्ट बारिश में न रखें, समय-समय पर उनकी जगह बदलते रहें और गमलों के नीचे पानी भरने से रोकने के लिए ड्रेनेज मैट का इस्तेमाल करें।
यदि आपके पौधे की ग्रोथ रुक गई है और आपको जड़ें गमले से बहार आती दिखाई दे रही हैं, तो बरसात के समय आप पौधों की रिपॉटिंग कर सकते है।
वैसे तो बारिश के दौरान पौधों की वृद्धि अच्छी होती है, लेकिन पौधों को स्वस्थ रखने के लिए आप 15 दिनों के अंतराल पर उनकी जड़ों में 1 चम्मच बोनमील, गोबर की खाद और नीमखली मिलाकर डाल सकते हैं।
बरसात के मौसम में वातावरण और गमलों की मिट्टी में भी काफी नमी होती है, इसलिए मौसम खुलने के तुरंत बाद पौधों को सीधी धूप में रखें ताकि उनकी ग्रोथ बेहतर हो सके।