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हर्ब गार्डन बनाते समय 

यह 10 गलतियां 

 करने से बचें! 

by samiksha tiwari

हर्ब गार्डन तैयार करना किसी भी गार्डनर के लिए एक सुखद अनुभव है, क्योंकि वे आपके भोजन को ताजा स्वाद और सुगंधित सुगंध प्रदान करते हैं। चाहे आप एक शुरुआती या अनुभवी गार्डनर हों, लेकिन आप जिन गलतियों को कर सकते हैं, उन्हें जानना एक सफल हर्ब गार्डन बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

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शोध में लापरवाही:

पर्याप्त ज्ञान के बिना हर्ब गार्डन की शुरुआत करना एक बहुत ही सामान्य गलती है।चूँकि विभिन्न जड़ी-बूटियों को मिट्टी के प्रकार, धूप और पानी की अलग-अलग आवश्यकताएं होती हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप पहले जानकारी प्राप्त करें।

पास-पास पौधे लगाना: 

यह एक आम गलती है कि गार्डनर उत्साह पूर्वक एक साथ कई हर्ब प्लांट्स लगा देते हैं, और कुछ समय बाद पता चलता है कि पौधे ठीक से नहीं बढ़ रहे हैं या खराब हो रहे हैं, इसलिए हर्ब्स प्लांट को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह प्रदान करें।

गलत जगह का चुनाव:

आमतौर पर हर्ब प्लांट बहुत अधिक धूप वाली जगहों पर अच्छी तरह से बढ़ते हैं, इसलिए उन्हें छायादार जगह पर न रखें और सुनिश्चित करें कि उन्हें प्रतिदिन कम से कम 6-8 घंटे सीधी धूप मिले।

नियमित प्रूनिंग का अभाव:

जड़ी-बूटियों के बेहतर विकास के लिए, नियमित रूप से मृत या मुरझाई हुई पत्तियों को हटाने और उन्हें ट्रिम करने की आवश्यकता होती है। प्रूनिंग के अभाव में, पौधे खराब हो सकते हैं और स्वाद में कमी आ सकती है।

गलत तरिके से पत्तियां तोडना:

जब आप हर्ब्स की हार्वेस्टिंग करते हैं, तो उनकी अधिक पत्तियों को तोड़ने की गलती न करें। इसके बजाय, आप लीफ नोड के ठीक ऊपर से हर्ब्स की पत्तियों को तोड़कर उपयोग कर सकते हैं।

हर्ब पर रसायनों का छिड़काव:

रासायनिक कीटनाशकों या उर्वरकों के साथ हर्ब प्लांट की देखभाल करना एक बुरा विचार है, इसके बजाय आप जैविक कीटनाशक नीम तेल और जैविक खाद का उपयोग करें यह हर्ब प्लांट के लिए अधिक फायदेमंद होगा।

ओवर वाटरिंग:

हर्ब प्लांट के लिए पानी बहुत आवश्यक है लेकिन सही संतुलन में। अत्यधिक पानी देने से पौधे में फंगल रोगों को बढ़ावा मिलता है और पौधे ख़राब हो सकते हैं।

हर्ब प्लांट की मल्चिंग न करना:

ज्यादातर लोग जड़ी-बूटियों के पौधों की मल्चिंग नहीं करते हैं, लेकिन यह उनकी आम गलतियों में से एक है, इसलिए जरूरी है कि आप पौधे के तनों से 2 इंच की दूरी पर गीली घास से घेरा बना कर मल्चिंग करें।

क्रॉप रोटेशन न करना:

एक ही जड़ी-बूटी के पौधे को एक ही स्थान पर साल-दर-साल लगाने से मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, इसलिए हर मौसम में जड़ी-बूटी के पौधे का स्थान बदल कर क्रॉप रोटेशन करें, जिससे कीटों और बीमारियों का खतरा कम होगा।

जैविक खाद का प्रयोग न करना :

सभी जानते हैं कि सब्जियों के पौधों को खाद की जरूरत होती है, लेकिन जड़ी-बूटियों को भी बढ़ने के लिए पोषक तत्व की आवश्यकता होती हैं, हर्ब प्लांट के लिए आपको कम्पोस्ट या वर्मीकम्पोस्ट जैसे जैविक खाद का ही इस्तेमाल करना चाहिए।

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