बोन मील करेगा गार्डन के मुरझाये पौधों को तुरंत तंदुरुस्त, जानें कैसे?

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घर में पेड़-पौधे लगाना तो आसान है लेकिन उनकी देखभाल करना कोई आसान काम नहीं है।

पौधों को हरा-भरा रखने और उनकी अच्छी वृद्धि के लिए उर्वरक की जरुरत होती है।

आज हम एक ऐसे ही खास खाद के बारे में बात करने जा रहे हैं जो पौधों के लिए संजीवनी से कम नहीं है। 

यदि आप भी सिंथेटिक उर्वरकों के बिना पौधों की ग्रोथ को प्रोत्साहित करना चाहते हैं तो बोनमील का उपयोग एक अच्छा विकल्प है।

बोन मील हड्डियों से बनने वाली प्राकृतिक जैविक खाद है। जिसका यूज़ टेरेस गार्डन या होम गार्डन के पौधों पर किया जाता है।

बोन मील क्या है?

बोन मील का उपयोग कैसे करें:

पौधा लगाने के बाद गमले की मिट्टी में लगभग आधा कप बोन मील पाउडर को अच्छी तरह से मिलाएं।

बोमे मील फास्फोरस से भरपूर होता है जो की मजबूत जड़ों के विकास को बढ़ावा देता है।

प्लांट की रूट ग्रोथ में सहायक: 

फूलों की तादाद बढ़ाए: 

यदि पौधे में लंबे समय से फूल नहीं आ रहे हैं या फूल देना बंद कर दिया है तो ऐसे में बोन मील का प्रयोग करना बेहतर रहेगा।

बोन मील खाद में फास्फोरस की मात्रा बहुत अधिक होती है जिसके कारण पौधे की जड़ें और तने मजबूत होते हैं।

पौधे के तने को मजबूत बनाएं:

बोन मील मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ पीएच को भी संतुलित करने में मदद करती है।

मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार:

आमतौर पर बोन मील जानवरो की हड्डी से बनाया जाता है, जो पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होता है।

पर्यावरण के अनुकूल:

बोन मील गमले में लगे पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और पौधे को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

रोग प्रतिरोधी क्षमता में वृद्धि:

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